आखिर क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस

Medical Mike Desk : संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर वर्ष 1992 से विश्व विकलांग दिवस या विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत की गयी थी जिसके पश्चात प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विशिष्ठ थीम के साथ विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1983 से 1992 तक के दशक को विकलांग जनों के लिए संयुक्त राष्ट्र का दशक घोषित किया था।

27 दिसंबर 2015 को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकलांग जनों को विकलांग शब्द की बजाय दिव्यांग शब्द से सम्बोधित करने की घोषणा की गयी थी। इसके पश्चात भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से विकलांग जनों के लिए विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का प्रयोग किया जा रहा है।

हमारे समाज में रहने वाले विकलांग जनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने एवं मानवीय गरिमा के साथ जीने के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से सभी नागरिकों को विकलांग जनों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने एवं विकलांग जनों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करके उन्हें विभिन अधिकार प्रदान करने हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। प्रायः विकलांग जनों को विश्व के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में गिना जाता है ऐसे में विकलांग जनों के उत्थान हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है।

UNO की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 15 फीसदी लोग दिव्यांग जनों की श्रेणी में आते है। इस प्रकार से इस समुदाय को दुनिया का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय माना गया है। दिव्यांग जनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इन्हे विभिन राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के अवसर पर सभी नागरिको को विकलांगजनो के साथ उचित व्यवहार करने एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने हेतु अपने योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस दिवस के लिए एक मुख्य विषयवस्तु का चयन भी किया जाता है जिसके आधार पर विश्व विकलांग दिवस में विभिन कार्यक्रमों एवं नीतियों को तय किया जाता है।

विकलांग जनों को प्रायः अपने प्रतिदिन की आवश्यकताओं के लिए दूसरे व्यक्तियों पर निर्भर रहना पड़ता है ऐसे में वे विभिन प्रकार की समस्याओ का सामना करते है। साथ ही समाज का सुभेद्य वर्ग होने के कारण अकसर दिव्यांगजनों को अपने समुचित अधिकार भी नहीं मिल पाते। दिव्यांगजनों को विभिन सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अधिकार दिलाने एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करके गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है।

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अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर नागरिकों में विकलांग जनों के साथ उचित, सम्मानपूर्वक एवं गरिमापूर्ण व्यवहार करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही इस अवसर पर विकलांग जनों के कल्याण एवं अधिकारों को बढ़ावा देने एवं सम्पूर्ण विश्व को इस सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए इस दिन विभिन कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इस अवसर पर विकलांग जनों के अधिकार एवं हितों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत करने एवं विकलांग जनों द्वारा विभिन क्षेत्र में किए गए असाधारण प्रदर्शन एवं कार्यो के सम्बन्ध में भी प्रदर्शनी की जाती है। साथ ही विकलांग जनों द्वारा कला, संगीत, साहित्य एवं अन्य सृजनात्मक क्षेत्रों में विभिन प्रदर्शनियों को भी दुनिया के सामने रखा जाता है।

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