वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश कर दिया है. अपने बजट में उन्होंने हेल्थ सेक्टर के लिए भी कई तरह की घोषणा की है। फिलहाल जीडीपी का लगभग 2.5 फीसदी हिस्सा हेल्थकेयर पर खर्च किया जा रहा है। यह दुनिया के अधिकतर विकसित देशों के मुकाबले में काफी कम है। वित्त मंत्री ने बताया कि जिला अस्पताओं को मेडिकल कॉलेजों में बदला जाएगा। इससे देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ेगी।
बता दें कि भारत में अब तक कुल 725 मेडिकल कॉलेज हैं. इसमें से 141 निजी मेडिकल कॉलेज हैं, 89 सरकारी स्वामित्व वाले हैं और बाकी 8 अर्ध सरकारी स्वामित्व वाले हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024-25 काउंसलिंग के समय 725 से अधिक मेडिकल कॉलेज होंगे जिनमें 1,25,000 एमबीबीएस सीटें होंगी. जिनमे एम्स, सीएमसी, केएमसी, केजीएमयू और जिपमर भारत के बेहतरीन मेडिकल कॉलेजों में शामिल हैं.
वहीँ जिला अस्पतलाओं को मेडिकल कॉलेज में बदलने के लिए सरकार कमेटी बनाएगी। यह समिति मौजूदा जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने के बारे में सुझाव देगी। इसी के साथ बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि मिशन सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण को सरकार बढ़ावा देगी। इसमें 9 से 14 साल की लड़कियों को मुफ्त में टीका दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने आशा और आंगनवाड़ी वर्कर के लिए भी बड़ी घोषणा की है। जी हाँ वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। अभी तक आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स आयुषमान भारत योजना में शामिल नहीं थे। अब इन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। बता दें कि आयुष्मान भारत या आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देश की सबसे बड़ी पेपरलेस हेल्थ सर्विस योजना है।