इस कारण होती है Diabetes ऐसे करें बचाव…dr. manoj sinha

MEDICAL MIKE DESK: Gardiner Hospital पटना MS Dr. Manoj Kumar Sinha ने डायबिटिज की समस्या पर बात करते हुए कहा की युवाओं में ये काफी अरली एज में शुरु होकर काफी तेजी से बढ रहा है जो युवाओं के लिए काफी चिंता की बात है। पहले हम लोग ये बोलते थे की ये बीमारी 50 साल के बाद होती है लेकिन अब ये बाते बिल्कुल बदल गई है और ये बीमारी युवाओं में अब 30 के उम्र में 40 के उम्र में इससे भी कम उम्र में यवा डायबिटिज के पेसेंट के रुप मे होस्पिटल मे आने लगे हैं।

इसका बहुत ही सिंपल कारण ये है की हमलोग जेनेटिकली जो बने हैं जिसमें डायबिटिज के लिए हमलोग बहुत प्रोन हैं। हमलोगों के यहां डायबिटिज होने की संभावना किसी दूसरे देश की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। दूसरा जो समय से पहले डायबिटिज होने का कारण है वो मेनली हमारा लाइफ स्टाइल डिस्ऑडर है। जिसमें की ना फिजिकल एक्टिविटी हमारी होती है, ना हीं हमारा कोई डाएट पर कंट्रोल है, इसके साथ हीं युवाओं में स्ट्रेस लेवल भी काफी बढ गया है।  इस एज ग्रुप में स्ट्रेस के बढने का कारण स्टडी हो या  जॉब के लिए किया गया प्रयास हो जिसमें उनको असफलता मिलने के कारण स्ट्रेस लेवल काफी बढ जाती है जो डायबिटिज को बढाने के कारणों में से एक है।

तो अगर हमलोग अरली स्टेज में ही अगर स्कूली एज से हीं हमलोग कैंपेनिंग स्टार्ट करें डायबिटिज के पेसेंट का टेस्टिंग स्टार्ट करें और अगर हमलोग रेगुलर जांच करते रहें तो हमलोग बहुत जल्दी ये पता लगा लेंगे की कितने लोग इस बिमारी के लेवल में आने वाले हैं ।

क्योंकि आज के समय मे जो प्री डायबिटिक पेसेंट जो है वो 30% के उपर हैं जो इस एज ग्रुप में प्री डायबिटिक एज ग्रुप में है। जो आने वाले तीन चार साल में होते होते डायबिटिक में डायभर्ट हो जायेंगे। तो मेजर फोकस रखना है उनके लाईफस्टाईल डिस्ऑडर के लिए जैसे डाएट में जो जंक फूड है उसको एभवाएड करें रफेज है उसका उपयोग करें, एक साथ ज्यादा खाना ना खाएं कम खाएं थोड़ा-थोड़ा खाना खाएँ।

दूसरा जो हमलोग तीन वाइट पॉइजन मानते हैं शुगर,राइस,सॉल्ट है इन सब चीझों को जहां तक हो सकता है उसका एवॉयड करें । तीसरा जो आजकल बहुत प्रचलन हो गया है लोगों में कोल्ड ड्रिंक पिने का तो कोल्ड ड्रिंक जो है उसमें इतनी मात्रा है शुगर का जो डायबिटिज को बढाने में काफी मदद करता है।

चौथा चीझ है फिजिकल एक्टिविटी जिसमें लोगों को चाहिए की 40-50 मीनट का फिजिकल वॉक करें, स्विमिंग करें, जिम जायें, कोई भी एक्सरसाइज हों उसे करें । घर में शोफे पर बैठ कर बिस्तर पर लेट कर मोबाइ देखना, गेम खेलना ये ठीक नही होता है यह काफी ज्यादा डायबिटिज को के उतरदायी होता है। इस लिए एक्सरसाईज करें जीम जायें स्विमिंग करे वॉक करें।

अगर ये सब एक्टिविटी आप डेली करते है शरीर से पशीना बहाते हैं और रेगुलर अपना बल्ड टेस्ट करातें है उनका निश्चित तौर पर बल्ड सुगर कंट्रॉल में आयेगा और जो बल्ड सुगर होने की संभावना होती है वो होगी लेकिन देर से होगी ।

डायबिटिज के लक्षण

– डायबिटिज के कुछ खास लक्षण होते हैं जैसे की बहुत ज्यादा प्यास लगना,

– बहुत ज्यादा पेसाव होना, शरीर का वजन अचानक कम हो जाना, या

– पेसाव के रास्ते में खुजली होना, या

– किसी अलग तरह के इंफेक्शन का होना

लेकिन ये कोई जरुरी नही है की ये सारे सिमटल शुरुआती स्टेज में आ हीं जाये क्योंकि ये साइलेंटली भी कई बार डेवलप होता है पता नही चलता और बाद में किसी और डिजीज का टेस्ट कराते हैं तो पता चलता है की सुगर बढा हुआ है और काफी मात्रा में बढा हुआ है।

तो ये सिमटम के साथ-साथ ये भी हो सकता है की ये साइलेंटली बढा हो तो उसमें करना ये ही चाहिए की 30 साल के बाद प्रत्येक साल अपना बल्ड शुगर का टेस्ट कराये अगर किसी का फेमिली हिस्ट्री बहुत स्ट्रोंगली पॉजेटिव है तो इस कंडिसन में काफी कम एज से हीं 25 साल 20 साल के उम्र से हीं एक नियम बना ले की किसी खास दिन जैसे बर्थडे के दिन हीं अपना टेस्टिंग करा लें ताकि पता चल जाये की डायबिटिज है या नही है। यदि आपके टेस्ट में डायबिटिज पोजेटिव आता है और आप प्री डायबिटिज एज में है तो उसके अनुसार हीं डॉक्टर से मिल के आप अपना उपचार करा सकते हैं।

डायबिटिज पिड़ित लोगो के लिए डॉ. का सुझाव

डायबिटिज से ग्रस्त मरीजो के विषय पर बात करते हुए  Dr. Manoj Kumar Sinha ने कहा की मेरा खास कर मरीजो को ये सुझाव है की वो तनाव से बचे किसी भी प्रकार का चींता ना करें क्योंकि जितना चींता करेंगे उतना ही सुगर का लेवल बढेगा तो बेहतर ये है की डॉक्टर के सलाह से दवाओं को लेते रहें और सबसे महत्वपूर्ण ये की अपना रेगुलर टेस्टिंग कराते रहे यदि आप रेगुलर टेस्ट कराते रहते हैं तो सुगर के अनुसार जो भी दवाओं में बदलाव करना होगा तो वो डॉक्टर आसानी से करते रहेंगें। 

अगर आप ये सोच कर बैठ जायेंगे की आपका टेस्ट एक बार हो गया दवा खा रहें है कंट्रोल हो गया और लंबे समय तक उस दवा को खाये जा रहें है बिना किसी टेस्टिंग के तो ये प्रोब्लम आता है बाद में की शुगर काफी ज्यादा बढ जाता है। क्योंकि शुगर बहुत ज्यादा प्रोग्रेसिव डिजिज है ऐसा नही है की जो आज है यहा पर वो यहीं रहेगा वो बढेगा ।

क्योंकि जो इंसुलिन सिक्रिसन होता है हमारे बॉडी का वो काफी कम होने लगता है और उसका जो ब्रेसेल्स जो होता है वो काफी हाई हो जाता है तो इस कंडिशन में दवा सुगर के कंडिसन के अनुसार यदि चेंज नही करेंगे तो आने वाले समय मे सुगर बढेगा और मेजर तीन कंप्लीकेशन है किडनी, हार्ट और आंख का उस पर असर पड़ेगा और इसके चलते ये तीनो डायमेज हो सकते है। तो इसके लिए आप प्रोपर्ली सुगर को कंट्रोल कर के रखतें हैं और रेगुलर चेकअप कराते है और डॉक्टर से सलाह से दवाओं के डोज को बदलते रहते हैं तो आप लंबे समय तक डायबिटिज के साथ अच्छा जीवन जी सकते हैं।

Note – इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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