Medical Mike Desk : बवासीर को पाइल्स कहा जाता है। जो कि एक दर्दनाक बीमारी है। इसे ठीक ना करवाने पर फिशर की नौबत आ सकती है। जिसके इलाज के लिए सर्जरी करवानी पड़ सकती है। लेकिन इस सर्जरी से बचने के लिए योगासनों की मदद ली जा सकती है। पाइल्स का मुख्य कारण कब्ज को माना जाता है। जो कि डायजेशन खराब होने की निशानी है। इसके मरीज को मल त्यागने के लिए जोर लगाना पड़ता है, जिससे गुदाद्वार की नसों पर दबाव पड़ता है और सूजन-दर्द होता है। इसलिए बवासीर को सही करने के लिए सबसे पहले पाचन को सही करना पड़ता है।
बवासीर का इलाज है बेहतर पाचन
बवासीर के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए खराब पाचन का इलाज करना चाहिए। जिससे नसों पर दबाव पड़ना बंद हो जाए और वे ठीक होने लगें। योगासनों का नियमित अभ्यास करने पर पाचन सही हो जाता है और आसानी से पेट साफ होता है।
वज्रासन
योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। पंजों की उंगलियां मिलाएं और एड़ियों के बीच में थोड़ा गैप रखें। अब कूल्हों को एड़ियों पर टिकाएं और कमर सीधी करें। हाथों को घुटनों के ऊपर रखें। अब आंखें बंद करें और शरीर को रिलैक्स होने दें।
पश्चिमोत्तानासन
मैट पर बैठ जाएं और दोनों पैर सामने की तरफ फैला लें। दोनों पैर के बीच में दूरी ना रखें और घुटनों को सीधा रखें। अब पीठ, गर्दन और सिर को सीधा रखते हुए कमर को झुकाएं। दोनों हाथों को सामने पंजों की तरफ लेकर जाएं। जितना हो सके, धड़ को घुटनों के पास लाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहें और सामान्य सांस लें।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन योगा करने के लिए वज्रासन की स्थिति में आएं। अब घुटनों के बल खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस भरते हुए कमर मोड़ें और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं। दोनों हाथों से दोनों पैरों के टखने पकड़ने की कोशिश करें। कुछ देर इसी स्थिति में सामान्य सांस लें।
पवनमुक्तासन
मैट पर कमर के बल लेट जाएं। अब दोनों घुटनों को मिलाकर पेट की तरफ लाएं। घुटनों को पेट के बिल्कुल पास लाना है। फिर दोनों हथेलियों को लॉक करके घुटनों को पकड़ें और छाती से लगाने की कोशिश करें। अब सिर को उठाएं और नाक से घुटनों को छुएं। इसी स्थिति में 10 से 15 सेकेंड रहें।
Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।