Medical Mike Desk : छोटे बच्चों के दांत निकलने पर उन्हें नॉर्मल से थोड़ी और ज्यादा केयर की जरूरत होती है। नॉर्मली छह से नौ महीने पर बच्चों के दूध के दांत निकलने शुरू हो जाते हैं। इस दौरान बच्चे बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं। मसूढ़े में सूजन के साथ दर्द और जलन की समस्या होती है जिसकी वजह से उनका दिनभर रोना धोना लगा रहता है। इसके अलावा तेज बुखार के साथ दस्त, उल्टी और कब्ज की भी प्रॉब्लम हो जाती है। ऐसे में मां-बाप डॉक्टर्स की ही मदद लेते हैं लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी बच्चे की इस परेशानी में मददगार साबित हो सकते हैं।
बच्चे को दें लिक्विड डाइट
जब बच्चों के दूध के दांत निकलते हैं तो उन्हें जितना हो सके लिक्विड चीज़ें दें। इससे उन्हें ज्य़ादा दर्द नहीं होगा। कई सारे पेरेंट्स बच्चों को छह महीने बाद सॉलिड फूड देना शुरू कर देते हैं तो ये सलाह उनके लिए ही है। इसके अलावा दूध में थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं। ठंडा दूध पीने से भी आराम मिलता है।
शरीर की करें मालिश
जब बच्चों के दूध के दांत निकलते हैं तो न सिर्फ उनके मसूड़े और चेहरे में दर्द के अलावा सूजन भी होती है। लगातार रोने की वजह से बच्चों के शरीर और हाथ-पैरों में भी दर्द होता है। ऐसे में शरीर की अच्छे से मालिश से उन्हें आराम मिलेगा। हाथ-पैर की अच्छे से से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। अच्छी नींद भी आती है।
मसूड़े में लगाएं इलायची और शहद
बच्चे के मसूड़ों पर शहद और इलायची मिलाकर लगाना भी अच्छा उपाय है। क्योंकि इनमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बच्चे को जलन और सूजन की समस्या से बचाते हैं। फीडिंग कराती हैं तो बच्चे को निप्पल में शहद लगाकर दें। इससे भी उन्हें दर्द में काफी आराम मिलेगा।
टीथ टॉयज दें
दूध के दांत निकलते समय बच्चे के दांत में खुजली होने के कारण वह हर चीज को चबाना चाहते हैं। इस दौरान आप बच्चे को सॉफ्ट और उन्हें नुकसान न पहुंचाने वाले टीथ टॉयज दे सकते हैं। जिसकी मदद से बच्चों को मसूड़ों में होने वाली खुजली से राहत मिलेगी। इसके साथ ही बच्चे को दूध आदि पिलाने से पहले उनके मुंह को अच्छे से साफ करें।