Medical Mike Desk : इस साल फरवरी में देश के कई हिस्सों में तापमान में वृद्धि देखी गई है। तापमान में बढ़ोतरी को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में भीषण लू की स्थिति पैदा हो सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक, इस साल फरवरी में गर्मी ने पिछले 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। फरवरी के महीने में अक्सर हल्की ठंडक महसूस की जाती थी। लेकिन इस बार लोगों ने वक्त से पहले गर्म कपड़ों को अलविदा कह दिया है, जो एक चौंकाने वाली बात है। अगर गर्मी का ऐसा हाल फरवरी में है तो न जाने मई-जून कितना मुश्किल रहने वाला है।
हीटवेव को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। ताकि लोग भीषण गर्मी से खुद को सुरक्षित रख सकें। मंत्रालय ने हीटवेव के प्रभाव से बचे रहने के लिए कुछ जरूरी जानकारियां साझा की हैं, जिनके बारे में आपको जान लेना चाहिए, ताकि आप बढ़ते तापमान के प्रभाव से बचें रह सकें।
ऐसे करें ‘हीटवेव’ से अपना बचाव
भीषण गर्मी के दौरान ज्यादा प्रोटीन वाला खाना खाने और पकाने से बचें। तेज धूप में खासकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें। भले ही आपको प्यास नहीं लगी हो, फिर भी पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न भूलें। गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नींबू पानी, दही, लस्सी, छाछ के साथ-साथ फलों का जूस पिएं। ताजे फलों जैसे- ककड़ी, तरबूज, नींबू, संतरा का सेवन करें।
साथ ही हलके रंग के पतले और ढीले कॉटन के कपड़े पहनें। बाहर नंगे पैर जाने से बचें। बाहर निकलते या खुली धूप में जाते वक्त छाता, टोपी, तौलिया या किसी भी चीज से सिर को ढंकें। हीट स्ट्रेस के लक्षणों पर खासतौर से नजर रखें, जैसे- चक्कर, बेहोशी, मतली या उल्टी, सिरदर्द, जरूरत से ज्यादा प्यास लगना, गहरे पीले रंग का मूत्र, पेशाब में कमी, सांस की गति और दिल की धड़कन का बढ़ना। बच्चों और पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में अकेला छोड़ने से बचें, क्योंकि गाड़ी के अंदर का तापमान ज्यादा हो सकता है, जिससे खतरनाक स्थिति पैदा होने की संभावाना बढ़ सकती है। धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें और नियमित रूप से इसे लगाते रहें।