गायों के लिए है जानलेवा साबित हो रही है ये बीमारी, क्या इंसानों के लिए भी है खतरनाक ?

Medical Mike Desk : कोरोना अब उतना खतरनाक नहीं रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड का पूरी तरह खात्मा नहीं माना जा सकता है। वायरस कब म्यूटेट होकर घातक बन जाए। साइंटिस्ट के लिए आज भी यह विषय टेंशन बना हुआ है। कोरोना के बाद तरह तरह के वायरस और बीमारियां सामने आ रही हैं। अब अफ्रीकन देश ब्राजील में एक और नई बीमारी उभरकर सामने आई हैं। साइंटिस्ट ने इसका नाम Mad Cow Disease नाम दिया है। यह अपने आप में होने वाला अनोखा रोग है। यह शुरुआत में केवल गायों को ही अपना शिकार बनाता है। ब्राजील में गायों के संक्रमित होने के बाद देश में अन्य गायों की जांच शुरू करा दी गई है। उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इंसानों के लिए यह बीमारी खतरे की घंटी है या नहीं। यह भी जानने की जरूरत है।

ब्राजील के उत्तर पारा राज्य में मिला संक्रमण

रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील के उत्तर में स्थित पारा राज्य में Mad Cow Disease एक मामला सामने आया है। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि यह रोग प्रकृति में अचानक ही डेवलप होता है और गायों में संक्रमण पैदा कर देता है। हालांकि यह होता कैसे है। इसकी जांच जारी है। बीमारी की प्रकृति कैसी है? इसकी जांच के लिए नमूनों को अल्बर्टा, कनाडा और पशु स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन की प्रयोगशाला में भेजा गया है।

बीएसई के नाम से जाना जाता है रोग

मेड काउ डिसीज को बीएसई के रूप में भी जाना जाता है। एक घातक इन्फेक्शन है। ये व्यस्क पशुओं के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। धीरे धीरे उन्हें नष्ट करना शुरू कर देता है। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के तंत्रिका तंत्र के ऊतक इन प्रोटीनों के संपर्क में आने के बदल जाते हैं और खुद ही नष्ट होने लगते हैं। इस बीमारी में संक्रमित गाय को उठने और चलने में समस्या होने लगती हैं। इस बीमारी के लक्षण दिखने में चार से छह साल लग जाते हैं। हालांकि कई बार लक्षण जल्दी दिख जाते हैं। संक्रमण बढ़ने पर गाय की मौत तक हो जाती है।

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क्या मनुष्य के लिए भी है खतरनाक?

मेड काउ डिसीज एक गंभीर रोग है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी व्यक्ति में इस रोग के होने की संभावना कम होती है। लेकिन यदि संक्रमित मांस का सेवन कर रहा है तो इससे उसके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस बीमारी के फैलने पर मांस का सेवन करने से बचना चाहिए। इस बीमारी में ब्रेन सेल्स डेमेज होने लगती हैं। इसमें पेशेंट भूलने लगता है। चलने फिरने में समस्या होने लगती हैं। उसका मांसपेशियों पर से नियंत्रण भी घटता जाता है।

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