औरंगाबाद के मदनपुर की 15 साल की दिव्यांग बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

अब तक आपने जैसी कहानियों को पर्दो में देखा था अब वैसा हकीकत में भी होने लगा है जी हां हम बात कर रहे है औरंगाबाद के मदनपुर की जहां 15 साल की दिव्यांग बच्ची को सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित कर दिया गया है , वो चीख चीख कर कह रही है कि में जिंदा हूं लेकिन सिस्टम की लापरवाही ने उसे जीते जी मार डाला ! चलिए पूरा माजरा समझाते है दरसल ग्राम पंचायत पिरवां टेका बिगहा निवासी विजय यादव अपने 15 वर्षीय दिव्यांग पुत्री ऋतू कुमारी का जब बीते 27 अक्टूबर को मदनपुर स्थित इंडियन बैंक से दिव्यांग पेंशन की राशी निकालने गए तो उनके बैंक खाते में कोई राशि नहीं थी जिसके बाद उन्होंने साइबर कैफे में इ लाभार्थी पोर्टल पर जांच करवाया जिस पर पता चला कि दिव्यांग किशोरी की पेंशन को ही रोक दिया गया है । जब पिता को पैंशन रुकने का कारण पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई, कारण में लिखा गया है की लाभार्थी ऋतु कुमार की मौत हो गई है, ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि आखिरकार जिंदा दिव्यांग किशोरी को मृत किसने घोषित कर दिया? इधर दिव्यांग किशोरी के पिता विजय यादव और मां शीला देवी ने बताया की सबसे छोटी बेटी ऋतू कुमारी पैर ,हाथ एवं कंठ से दिव्यांग है पैंशन से बेटी की दवाई चलती थी जो की अब बंद हो चुका है , इस मामले को लेकर विजय यादव प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास गए तो वहां से बताया गया किसी आग्नबाड़ी सेविका कुंती देवी के द्वारा ऐसा रिपोर्ट किया गया है की ऋतु कुमारी की मौत हो गई है । पीड़ित के पिता ने इस मामले को उच्च अधिकारियों से जांच करने की मांग कि है तथा दोषी के ऊपर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

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