कृषि विज्ञान केंद्र रोहतास द्वारा नारी कार्यक्रम , के तहत विभिन्न पंचायत के आंगनबाड़ी केदो की सेविकाओं के लिए पोषण बगिया की स्थापना एवं महत्व विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं को वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ शोभा रानी ने विभिन्न पंचायत आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविकाओं के लिए पोषण बगिया की स्थापना एवं उसके महत्व पर विशेष चर्चा करते हुए यह बताया कि पोषण सुरक्षा की दृष्टि से पोषण वाटिका का बहुत महत्व है इसका उद्देश्य परिवार के प्रत्येक सदस्य को ताजे फल एवं सब्जी प्रतिदिन उपलब्ध कराना है जिससे शरीर को पौष्टिक तत्व विटामिन एवं खनिज लवण मिल सके साथ ही यह घरेलू बजट को कम करने के लिए भी लाभकारी है बाजार से खरीदी हुई सब्जियों में कीटनाशक दवाओ एवं कृत्रिम रंगों का प्रयोग होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जबकि किचन गार्डन में उत्पादित फल सब्जियां रसायन मुक्त होते हैं उनमें रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का व्यवहार नहीं किया जाता है जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है अतः स्वास्थ्य के लिए वह लाभदायक है उन्होंने यह भी बताया एक व्यस्क को प्रतिदिन लगभग 300 ग्राम सब्जियां खानी चाहिए पोषण वाटिका का आकार आपके घर के पास जमीन की उपलब्धता परिवार में सदस्यों की संख्या पर निर्भर करता है अतः किचन गार्डन सुंयोजित ढंग से लगाना चाहिए ताकि पोषण सालों भर तीनों मौसम में ग्रामीण महिलाएं को अपनी जमीन का प्रत्येक भाग का सही तरीके से उपयोग कर पाए एवं सब्जी उत्पादित करे वरीय वैज्ञानिक ने यह भी बताया की इस कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं का चयन किया गया और उन्हें प्रशिक्षण के उपरांत किचन गार्डन किट भी उपलब्ध कराया गया ताकि केंद्र के आसपास उपलब्ध जमीन में सब्जी के इन बीजों को लगाकर जो सब्जी उत्पादन हो इसका प्रयोग आंगनबाड़ी केंद्र पर आ रहे बच्चों के पोषण आहार में किया जा सकेगा जिससे बच्चों का स्वास्थ्य स्तर ऊंचा होगा किचन गार्डन किट में 12 तरह की सब्जियां जो भारतीय सब्जी अनुसंधान की सब्जियां के उन्नत प्रभेद को कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज के द्वारा आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रदान किया गया इस अवसर पर उद्यान वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को किचन गार्डन के रूपरेखा तथा सालों भर कौन-कौन सी सब्जी प्रत्येक महीने में किस प्रकार की सब्जी लगाया जाए उसका विस्तार पूर्वक बताया एवं उसके उन्नत प्रभेद की जानकारी दी उन्होंने सेविकाओं को लगाने के तरीके भी बताएं इस अवसर पर 50 आंगनबाड़ी सेविकाओं ने जो विभिन्न प्रखंड से सम्मिलित हुए जिसमें आशा कुमारी, चिंता कुमारी ,इंदु देवी, रीता कुमारी, सुनीता देवी, ज्योति कुमारी, बबीता देवी, ब्यूटी कुमारी इत्यादि प्रमुख है।