प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुरुवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गई। इसमें सभी गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं एएनसी जांच की गई। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि एएनसी के दौरान गर्भवती महिलाओं का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी एवं मलेरिया से बचाव को लेकर जांच की गई। ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार लेने के लिए विशेष रूप से सलाह दी गयी। इसके लिए उन्हें हरी सब्जियां, ताजे फल एवं नियमित तौर से आयरन की गोली खाने के लिए जागरूक किया गया।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि जच्चा व बच्चा को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके तहत प्रत्येक महीने के 9 व 21 तारीख को सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसमें गर्भवती महिलाओं की सभी तरह की आवश्यक जांच की जाती है। इसके साथ ही प्रसव पूर्व होने वाली जांच के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां निःशुल्क दी जाती हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं व साथ में आने वाले अभिभावकों को भी प्रसव से संबंधित जोखिमों की जानकारियों से अवगत कराया जाता है। जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान अनिवार्य रूप से की जाती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को होने वाली जटिलताओं से बचाना होता है। विशेष रूप से जटिलताओं के कारण जच्चा एवं बच्चा को होने वाली हानि कम करना है।