टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ सुबोध को राज्यपाल ने किया सम्मानित

सागर कुमार, (सीतामढ़ी)
सोनबरसा प्रखंड के कचहरीपुर निवासी व आनंदी प्रकाश हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सुबोध कुमार महतो को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। डॉक्टर्स फॉर यू संस्था के तत्वाधान में मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच के सभागार में राज्यपाल श्री विश्वनाथ ने नि-क्षय मित्र योजना कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा टीबी मरीजों के बीच पोषण पोटली एवं टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉक्टर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली के 10 डॉक्टर को सम्मानित किया गया।

डॉ सुबोध कुमार जिला के एक साधारण किसान राम प्रगास महतो के पुत्र है। उन्होंने अपनी कौशल प्रतिभा की बदौलत यह मुकाम हासिल किया। इनके एक भाई मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर उपस्थि है। वहीं दूसरे लोको पायलट है। डॉ सुबोध आरएमएल नई दिल्ली से एमडी करने के पश्चात आरएमएल में ही लगभग 5 वर्षों तक सेवा दी। तीन वर्ष पूर्व से सीतामढ़ी में प्रैक्टिस कर जिला में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने वर्ष 2023 में अब तक 251 टीबी मरीजों की अधिसूचना की है। टीबी मरीज एवं उनके परिजनों को रेगुलर छः महीना तक दवा खाने के लिए प्रेरित करते रहे है। वहीं पौष्टिक आहार लेने के जागरूक करते हैं। मरीज छः महीने में टीबी से मुक्त हो जाता है। मरीजों को अक्सर फोन पर सम्पर्क कर दवा लेते रहने के लिए प्रेरित भी करते है। यही कारण है कि टीबी मरीज लाभान्वित भी हो रहे है।

कार्यक्रम मों राज्यपाल श्री विश्वनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि यह सभी डॉक्टर समाज के लिए कुछ किए है। समाज को ऐसे डॉक्टर की आवश्यकता है, जिनमें सेवाभाव हो। यह सभी डॉक्टर टीबी मुक्त भारत अभियान मुहिम को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। इसलिए इन डॉक्टर को आप लोगों के सामने बुला कर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। समाज के लिए कुछ करते हैं, उनका सम्मान करना मेरा कर्तव्य बनता है। इसलिए मैं मुजफ्फरपुर पहुंच इन लोगों को सम्मानित कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान अब पूरे प्रदेश का अभियान बन चुका है। पिछले वर्ष सितंबर में माननीय राष्ट्रपति जी ने इस अभियान की शुरूआत की थी। टीबी मुक्त बनाने में केंद्र और राज्य सरकार जुटी है। एक जमाना था जब टीबी का ईलाज नहीं था। अब मेडीकल साइंस की तरक्की से टीबी का ईलाज है। कार्यक्रम में राज्यपाल ने टीबी मरीजों के बीच पोषण पोटली का वितरण किया। उन्होंने मरीजों से कहा कि आप संकल्प ले कि हम छः महीना में टीबी मुक्त हो जाऐंगे। मरीजों से आश्वासन मांगा कि रेगुलर छः महीना तक दवा खायेंगे, मरीजों ने आश्वस्त भी किया। मरीजों ने छः महीने तक दवा लेते रहने का संकल्प लिया।
उन्होंने नि-क्षय मित्र बनने का लोगों से अपील किया। संस्था द्वारा टीबी मरीजों को एडोप्ट किया गया है। हम सबका प्रयास रहना चाहिए कि एक टीबी मरीज को गोद ले नि-क्षय मित्र बनें। समाज से बुराई को निकालने के लिए समाज को काम करना होता है। इसलिए हम लोग भी किसी टीबी मरीज को गोद लेकर छः महीना तक पोषण किट दें। मालूम हो कि राज्यपाल 51 टीबी मरीजों को एडोप्ट कर पोषण किट मुहैया करा रहे हैं।

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