Fungal Infection से बचाव के उपाय और इलाज…। Dr Manish Mandal 

MEDICAL MIKE DESK: I.G.I.M.S, पटना के Deputy Director Sub M.S Dr.Manish Mandal ने लोगों में तेजी से हो रहे Fungal Infection की समस्या पर बात करते हुए कहा कि जब भी मौसम करवट लेता है और उमस होता है और खास कर आजकल लोग टाइट कपड़े पहन रहें है ज्यादातर लोग जींस पहनते है चाहें लड़के हों या लड़की हों यंग लोग ज्यादातर जींस पहनते है टाइट कपड़े पहन रहें है तो इन कपड़ो में हवा जा नही पाता इससे जो उमस बाहर है उसके चलते पशीना और उमस दोनो अंदर में रहता है और यहीं फंगल इंफेक्सन का जड़ होता है।

और दूसरा ये की फंगल इंफेक्सन ट्रांसपरेट करता है एक दुसरे से फैलता है ज्यादातर लोग अब घर में कपड़ा नही धोते है बाहर धुलवा लेते है या प्रेस करवा लेतें हैं तो इससे क्या होता है की अगर एक कपड़ा दूसरे कपड़े से मिला और अच्छे ढंग से सफाई नही की गई तो इंफेक्शन यहा से फैलने का खतरा बढ जाता है।

दूसरी जो सबसे बड़ी प्रोबल्म है हर जगह आज कल सैलून खुल गया है और सैलुन को लोग आज कल स्टुडियो भी बोलने लगे हैं तो ऐसे में आपलोग सेविंग करा रहें हैं या फिर लड़कियों का कौस्मेटिक काम रहता है या फिर बाल हटाने का काम कराती है वैक्स कराती हैं तो इस सब में कपड़े प्रयोग करते हैं तौलिया प्रयोग करते हैं।

तो ये कपड़े तौलिया भी बहुत बड़ा सोर्स है फंगल इंफेक्शन के लिए। तो आप ये समझिए की फंगल इंफेक्सन आप पैसे देकर खरीद रहें हैं। और ये धीरे-धीरे फैलता है इसको दो नाम से जाना जाता है एक है अर्बन एस्केबीज अर्बन स्केबीज में लोगों को हल्की खुजली होती है खास कर के जब उमस होता है तो और भी ज्यादा खुजली होती है और यह शरीर के किसी भी पार्ट में हो सकता है हाथ में भी हो सकता है पैर में भी हो सकता है गुप्तांग के आस पास भी हो सकता है ।

दूसरा दिक्त ये होता है की अगर शरीर के किसी भी हिस्से में थोड़ा सा भी इचिंग हो नोचना शुरु हो तो वहां रेडनेश आ जाती है तो देखने में भी भद्दा लगता है।

तीसरा दिक्कत ये होता है की वहां का रंग बदलने लगता है स्किन में यदि लगातार खरोच आयेगी तो उसमें स्किन चेंजेज हो जाती हैं। ये तीन प्रकार के दिक्कत लेकर लोग आते हैं तो इसमें जो पहला है उसमें पाउडर फॉर्म में प्रयोग होता है जो कहिं कहिं एंटी फंगल ट्रीटमेंट में भी काम आता है । कुछ इससे भी बढती है चीझे तो इसमें टैबलेट का प्रयोग होता है।

कभी-कभी एलर्जी बढ जाती है तो एंटी एलर्जी का भी प्रयोग किया जाता है। तो ये तो हो गई ट्रिटमेंट की बात। अब सबसे जरुरी जो आपके चैनल के माध्यम से मेडिकल माइक के माध्यम से बताना चाहूंगा की बचाव कैसे किया जा सकता है-

फंगल इंफेक्सन से बचाव के उपाय

फंगल इंफेक्सन से बचाव के लिए आप कोशिस करीये की जब आप स्नान कर के निकलते है तो अच्छे तरीके से अपने शरीर को पोंछें। ताकी पानी का कोई भी अंश बॉडी में नही रहे। और कपड़े ऐसे पहने जो हल्का लूज हो ताकी उसमें हवा आ जा सके जब हवा का प्रवेश होगा तो शरीर में के खास पार्ट में नमी नही होगा और नमी नही जमेगा तो इंफेक्शन नही होगा।

अगर आप कहीं सैलून जा रहें है या स्टूडियो जा रहें हो तो कोशिस करना चाहिये की अपना तौलिये लेकर जानी चाहीए या फीर उस सैलून या स्टूडियो वाले से कहिए की फ्रेश तौलियां प्रयोग करे ताकि इंफेक्शन के फैलने का खतरा नही हो।

जब आप कहीं क्लोज स्पेश में बैठते हो किसी में सट के बैठते है बस में बैठ रहें हो या ट्रेन में बैठ रहें हो तो या भीड़-भाड़ वाले जगह में हो तो कोशिस किजिए की लौट के आके अपने शरीर की सफाई करनी चाहिए एक्सपोज पार्ट को अच्छे से धो लेनी चाहिए आप तौलि से अच्छे से सुखा लेनी चाहिए। ताकि इंफेक्शन हुआ भी हो तो उसको आसानी से टेक केयर किया जा सके।

Note – इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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