जाने Hatching विधि द्वारा अंडे से चूजे निकालने की बिधि  Dr Manmohan Kumar

MEDICAL MIKE DESK:बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय पटना के असिस्टेंट प्रो.Dr. Manmohan kumarने Hatching विधि द्वारा अंडे से चूजे निकालने की बिधि पर बात करते हुए  कहा कि Hatching शब्द बना है Hatchery से Hatching का अर्थ होता है स्फूटन मतलब फूट कर निकलना।

हैचरी में आने से पहले मै बताना चाहुंगा की हमारी ये सारी बाते उन किसान भाईयों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है जो बटेर पालन के साथ-साथ अंडा से चूजा उत्पन करना चाह रहें हैं और उसको Market में sell कर अत्यधिक मुनाफा कमाना चाहते है। हलांकि वो अंडा तो उत्पादन कर रहे है लेकिन अंडा से चूजा नही उत्पादन कर रहें है तो वो चूजा उत्पादन कर के अत्यधिक मुनाफा कमा सकते है।

बहुत अधिक संख्या में जो किसान होते हैं वो बटेर पालन करते है और उसको बेंच देते है लेकिन बहुत कम लोग होते है जो चूजा उत्पादन करते है और इनका काफी अहम रोल हो जाता है मार्केट में क्योंकि ये नही होंगे तो फिर मार्केट में चूजा की कमी हो जायेगी ।

तो चूजा उत्पादन के लिए हम क्या करते है सबसे पहले जो अंडे होने चाहिए वो Fertile होना चाहिए अर्थात निषेचित अंडा होना चाहिए embryo होना चाहिए। जहां तीन मादा पर एक नर को रखना चाहिए इससे क्या होगा की जो अंडे आयेंगे वो फर्टाइट आयेगा।

अंडा Fertile है की Unfertile जानने की बिधि

इसको जानने के लिए हमलोगो को History जान लेना चाहिए की कितने नर और कितने मादा के साथ रखा गया था। तीन मादा पर एक नर को रखने के बावजूद भी अंडे के जो इंब्रोय होते है वो मृत होते है अंडे डेड होते हैं।

इसके जानकारी के लिए एक टेक्निक होता है जिसको हमलोग बोलते हैं कैंडलिंग जहां तक कैंडलिंग का सवाल है तो इसमें एक साइड रॉशनी को रखते है और अंडे से पास कराते है लाइट अगर अंडे को क्रोस नही कर रहा है लाइट तो समझ जायेंगें की जो अंडे का भ्रूण है वो आगे स्फूटित हो कर चूजे को उत्पन करेगा।

और जिसमें से लाइट आर पार हो गया एक तरफ से क्रोस किया और दूसरी ओर दिख गया तो समझे की वो अनिशेचीत अंडा है। उसमें जो इंब्रोय है वो नष्ट हो चुका है और उससे आगे चलकर चूजा नही निकलेगा।

Hatching में प्रयोग होने वाले मशिन के प्रकार

Hatching में मुख्यतः दो प्रकार के मशीन का प्रयोग किया जाता है । एक होता है शेटर और दूसरा होता है हैचर । हैचर और शेटर में अंतर होता है की शेटर machine में सबसे पहले हमलोग अंडे को 14 से 15 दिन रखते है और लास्ट का जो 3 दिन जो बचता है उसमें हमलोग अंडे को हैचर मशीन में डाल देते है। अंडे से चूजा तैयार निकलने में समय लगता है 18 दिन का। दोनों मशीन में basically जो फर्क है वो है टेमप्रेचर का अंडा से चुजा उत्पन होने के लिए एक फिक्स temperature चाहिए होता है।

अब मशीन उपल्बध है तो हम लोग Temperature मशिन के द्वारा temperature मेंटेन करने की बात कर रहें है लेकिन जब machine नही था तब कैसे करते थे आज के समय में भी गांव घर में जो मुर्गीयां है वो अंडे सेती है कहने का अर्थ है वो उसको उष्मा प्रदान करती हैं और जब अंडा को एक फिक्स temperature मिल जाता है तब स्फूटित होकर चूजा बाहर आ जाता है।

 उसी तरह आज के समय में हैचर और सेटर के द्वारा अंडे को उष्मा प्रदान कर के अंडे से चूजा को निकाला जाता है। शेटर में जो temperature रेंज होता है वो 99.5 -99.75 होता है और अंडे को जब हम शेटर से हैचर में ट्रांस्फर करते है 14 या 15 दिन के बाद तो वहां पर 1 डिग्री temperature कम कर देते हैं जिसके बाद हीं अंडे में स्फूटन की क्रिया होती है और चूजा बाहर निकलता है।

इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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