अब नहीं ठगे जायेंगे किसान दूध का पता लगाना होगा आसान… Dr. Deep Narayan Singh ।

MEDICAL MIKE DESK: बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय पटना DEPT. OF LPM के एसोसिएट प्रो. Dr. Deep Narayan Singh ने पशुओं के दूध का सही पता लगाने पर बात करते हुए बताया कि आज के डेट में हर एक जनमानस में काफी चतुरई की भावना उत्पन हो चुकी है । और यदि दुधारु पशु की चयन की बात करते है तो दुधारु पशु में एक टाइम या दो टाइम या फिर चार टाइम का दूध निकाल कर हम देख सकते है की दूध का कितना उत्पादन हो रहा है ।

लेकिन जिन पशुपालक को अपने पशुओँ को बेचना रहता है वो अपने पशु को ज्यादा मात्रा में दलहन और तेलहन, दाल, दाना चोकर का उपयोग गाय को खिलाने में करते है जिसके कारण उस गाय का दूध उत्पादन काफी ज्यादा दिखता है।

लेकिन हकिकत ये है की जब एक साधारण किसान उस गाय को खरीद कर अपने घर ले जाता है तो उस गाय को उतना नही खिला पाता है जिसके कारण किसान जो सोच कर और दूध की जिस उत्पादन क्षमता पर गाय को खरीद कर ले जाता है उस अनुपात में दूध का उत्पादन नही कर पाता है जिसके कारण किसान को घाटा का सामना करना पड़ता है ।

इसलिए सभी पशुपालक भाइयों को मेरा सलाह है की पशु की खरीद करते समय सावधानी बरते और दुधारु पशुओं के क्या गुण और लक्षण होते है उनको देख कर हीं पशु की खरीद करें।

दूधारु पशुओं की पहचान

– दूधारु पशु की पहचान मे जो सबसे पहला चीझ देखा जाता है वो है की पशु का माथा चौड़ा होना चाहिए।

– शरीर और सीर एक अनुपात में हो ना ज्यादा बड़ा सिर होना चाहिए ना ज्यदा बड़ा शरीर होना चाहिए।

– आंखों में कोइ एनिमिक कंडिशन सफेदी नही होनी चाहिए। क्योंकि यदि इस तरह की कंडिसन है तो पशु के शरीर में खुन की कमी है। इस समस्या को देख कर हम पशु के दूध की उत्पादन क्षमता का पता लगा सकते है ।

– जिस पशु के नाशिका भेन जिसे की फेसियल भेन कहते हैं यह भेन जितनी ज्यदा परिलक्षित होगी उस पशु का दूध उत्पादन काफी अच्छा होगा।

– गर्दन पतली और लम्बी होनी चाहिए ।

– वक्ष चौड़ा होना चाहिए।

– फसली अर्धचंदाकार होनी चाहिए और दबाने पर लचीला होना चाहिए ।

– पेट ड्रम के आकार का होना चाहिए

इस लक्षण या पहचान विधि द्वारा पशु यदि गर्भित है या शुष्क अवस्था में है हिफर है या बछिया है इन तमाम लक्षणों और पहचान विधि द्वारा आप बछिया या शुष्क पशु के दूध का अनुमान लगा सकते है की आने वाले समय में ये कितना दूध उत्पादन कर सकते है। 

दूध उत्पादन क्षमता पहचान की इस विधि द्वारा कोई भी किसान ठगे नही जायेंगे और आसानी से अपने लिए पशुओं का खरीद कर के अपने आय को बढा सकेंगे और आर्थिक मुनाफा कमा सकते है ।

NOTE – इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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