कमाये लाखों का मुनाफा अपनाये ये विधि- Dr. Manmohan kumar

MEDICAL MIKE DESK: पटना वेटनरी कॉलेज डिपार्टमेंट ऑफ एल.पी.एम. के असिस्टेंट प्रो Dr. Manmohan Kumar ने बटेर के लिए आहार प्रबंधन विषय पर बात करते हुए कहा कि आहार प्रबंन किसी भी तरह के फार्मिंग के लिए चाहे डेयरी फार्मिंग कर रहे हो, चाहे पाँल्ट्री फार्मिंग कर रहे है,या फिर मुर्गी फार्मिंग कर रहे हो, या बटेर फार्मिंग कर रहे हो या बटेर फार्मिंग कर रहे हो इन सब के लिए आहार प्रबंधन बहुत ही आवश्यक हो जाता है ।

इसके कारण का पता लगाने के लिए यदि पाँल्ट्री फार्मिंग से तुलना करे तो 60 से 70 % खर्च केवल फीड पर आता है । इसलिए इसको जानना और मैनेज करना काफी आवश्यक हो जाता है। यदि आप किसी भी तरह के फार्मिंग के दौरान भोजन प्रबंधन को मैनेज करना नही सिखे तो आप मुनाफा नही कमा पायेंगे और आपका फार्म घाटा मे चला जाएगा और जो प्रोफिट आपको होना चाहिए वो प्रोफिट नही हो पायेगा और आप अपने ब्यवसाय में पिछड़ जायेंगे । इसलिए किसी भी तरह के फार्मिंग को करते हुए आहार प्रबंधन को जानना बेहद आवश्यक है।

सतुलित आहार क्या होता है

जिसमे उच्च मात्रा में प्रोटीन हो, बिटामिंस हो मिनरल्स हो, कार्बोहाईड्रेट हो, उर्जा हो जितनी भी चीझे हो सब संतुलित मात्रा में हो उसी को हम संतुलित आहार कहते है।

संतुलित आहार देना क्यों है जरुरी

आदमी हो या जानवर हर किसी के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता होती है । लेकिन हम यहा बात कर रहे है बटेर पालन की तो बटेर पालन के लिए आहार प्रबंधन और संतुलित भोजन की ब्यवस्था करना काफी जरुरी हो जाता है क्योकि फार्मिंग से जुड़े लोगों को कम समय में जादा से जादा मुनाफा कमाना रहता है । रही बात बटेर पालन की तो इसके फार्मिंग करने वाले लोगो को आउटपुट चाहिए होती है। उन्हे मांस उत्पादन करनी होती है उन्हे बटेर का अंडा चाहिए और अंडे की क्वालिटी चाहिए होती है और यह तभी प्राप्त होगा जब हम संतुलित आहार देंगे ।

संतुलित आहार के लिए दाना कैसे बनाए

दाना मार्केटन में भी मिलता है लेकिन संतुलित दाना बनाने के लिए आप खुद से भी बना सकते है। तो आइये जानते है आप घर पर किन किन चीझो को मिलाकर दाना बना सकते है। तो इसमें मकई, राईस पाँलिस,राइस ब्रांड, का उपयोग कर सकते है उसके बाद कैल्शियम के लिए चुना पत्थर,चुना केक का उपयोग करते है, प्रोटीन के लिए सोयाबिन का खली, बादाम की खली का उपयोग करते है जिसंमे प्रोटीन की मात्रा लगभग 45 %  के करीब होती है। उसके अलावा मिनरल मिक्शचर और नमक का उपयोग करते है।

आहार को कैसे बांटे

बटेर के आहार को समझने के लिए इसे तीन कैटोगरी में बांटा गया है

1. 0 से 4 वीक वाले बटेर को स्टार्टर बोलते है इसे 27 % प्रोटीन की और 1 % कैल्शियम की आवश्यकता होती है ।

2. 4 से 6 वीक वाले बटेर को ग्रोवर बोलते है इसे 24 % प्रोटीन की और 3 %  कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

3. वहीं छः वीक में ज्यादातर बटेर बिकने के लिए तैयार हो जातें है ।

बटेर के इन तीनो कैटेगरी में इनके खाने वाले दाना में क्या अंतर होता है तो किसान भाईयो इनके दाना में दाना में साधारणतः अंतर प्रोटीन का होता है और एनर्जी का होता है । 0-4 वीक वाले बटेर (स्टार्टर) के दाने में प्रोटीन की मात्रा जादा दी जाती है । वहीं 4-6 वीक वाले बटेर (ग्रोविंग एज) के दाने में प्रोटीन की मात्रा कम रखी जाती है । ताकी अपने समय पर बटेर सही वजन के साथ तैयार होकर फार्मिंग करने वाले किसान को जादा से जादा मुनाफा पहुंच सके ।

Note – इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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