कम उम्र में हीं तेजी से फैल रहा ALZEIMER जाने क्या है? इसको रोकने का उपाय…Dr. Rakesh Kumar

MEDICAL MIKE DESK:शहर के जाने माने Neuropsychiatrist Dr. Rakesh Kumar ने बताया कि ALZEIMER दिमागी बीमारी है। यह डिमेंशिया की सबसे आम किस्म है जो व्यक्ति को धीरे धीरे परेशानियों व मुश्किलों की तरफ से ले जाती है। यह एक खतरनाक बीमारी है जो ज्यादातर 50 साल की उम्र के बाद ही देखने को मिलती है, परंतु ऐसा जरूरी नहीं है। कई शोध में पाया गया है कि यह बीमारी 30 या 40 साल के बाद भी शुरू हो सकती।

इस बीमारी में व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। उसका खास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। हर साल पूरी दुनिया में 21 सितंबर को अल्जाइमर दिवस  के रुप में मनाया जाता है। यह इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो जाएं और उन्हें इस बीमारी की ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो सके।

और व्यक्ति वक्त रहते इसका इलाज कराना शुरू कर सके । यदि यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाए तो इससे छुटकारा पाना आसान नहीं होता है । इस बिमारी के विषय में बात करते हुए  डॉक्टर राकेश कुमार बताते हैं कि अल्जाइमर को पुर्णरुप से ठिक नही किया जा सकता है लेकिन इसके बढने के रफतार को दवा के माध्यम से कम जरुर किया जा सकता है ।

ALZEIMER बीमारी एक दिमागी बीमारी है। इस रोग में दिमाग के कुछ ऐसे हिस्सों पर प्रभाव पड़ता है जो व्यक्ति की सोचने, समझने, याद करने और फिक्र करने की क्षमता के साथ-साथ जबान पर काबू करते हैं। उन हिस्सों पर यह बीमारी असर डालती हैं। अल्जाइमर बीमारी का सबसे सामान्य प्रकार डिमेंशिया है। यह बीमारी बुजुर्ग लोगों में ज्यादा होती है, जो धीरे-धीरे याद करने और सोचने-समझने की क्षमता को खत्म कर देता है।

इस बीमारी के कारण व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले कामों को वह आसानी से नहीं कर पाता। वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के बारे में बहुत अध्ययन किए हैं परंतु कोई भी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया कि आखिर इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण क्या है? यह एक ऑटोपैथिक रोग है।

आज के शीर्षक में हम ALZEIMER बीमारी, उसके लक्षण और उसके कारण के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। तो आइए जानते हैं कि वे क्या हैं।

ALZEIMER के लक्षण

-इस बीमारी के शुरुआती लक्षण यह होते हैं कि व्यक्ति धीरे-धीरे अपने सामान्य कामों को भूलने लगता है। लोग समझते हैं कि यह बुढ़ापे के कारण है। भूलना एक आम बात है परंतु हर चीज को भूल जाना यह एक खास विषय है। इसलिए व्यक्तियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

-रोजमर्रा के कामों में परेशानियां आने लगती हैं। व्यक्ति आसानी से अपने दैनिक कार्यों को नहीं कर पाता। कार्य करने की क्षमता खत्म होने लगती है।

-व्यक्ति अपनी जीवनशैली की सामान्य बातों को भी धीरे-धीरे भूलने लगता है।

-सकिसी भी व्यक्ति का नाम या घर के आसपास की मशहूर जगहें या रास्ते भी भूल जाना, यह सब अल्जाइमर के लक्षण हैं।

-ALZEIMER की बीमारी का एक लक्षण यह भी है कि इस बीमारी में व्यक्ति की जबान लड़खड़ाने लगती है और वह किसी भी बात को सही तरीके से नहीं कह पाता। हर बात को कहने में अटकने लगता है और अटक अटक कर ही बात करता है। उसकी जबान उसके काबू में नहीं रह पाती।

-किसी भी काम को या किसी भी मसले को हल करने की शक्ति व्यक्ति के अंदर नहीं रहती। वह सोचने समझने की क्षमता खो बैठता है। व्यक्ति का मस्तिष्क सही से काम नहीं करता।

-व्यक्ति को सामाजिक होने में परेशानी होती है। वह आसानी से लोगों से घुलमिल नहीं पाता और अकेले रहना ही पसंद करता है।

ALZEIMER के रोगियों की पर्सनालिटी में बदलाव देखने को मिलता है क्योंकि वे कंफ्यूज रहते हैं।

ALZEIMER होने के कारण

ALZEIMER बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों ने अनेक शोध किए हैं और इसके कारण जानने की भरपूर कोशिश की है। ALZEIMER बीमारी के कई कारण वैज्ञानिकों के द्वारा खोजे भी गये हैं। यहाँ पर हम कुछ कारणों के बारे में बताएंगे जो ALZEIMER बीमारी के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं-

1. जेनेटिक्स

वंशानुगत या जेनेटिक कारण की वजह से भी ALZEIMER की बीमारी हो सकती है। इसका सीधा सा अर्थ ये है कि परिवार के किसी सदस्य में यदि अल्ज़ाइमर की बीमारी पहले रही है तो ऐसे में आने वाली पीढ़ियों में भी ये बीमारी देखने को मिल सकती है। व्यक्ति के जीन दूसरी पीढ़ियों में जाकर इस बीमारी के लिए ज़िम्मेदार बन सकते हैं।

2.विटामिन B 12 की कमी

ALZEIMER बीमारी का एक कारण विटामिन बी 12 की कमी का होना भी है। जब शरीर में विटामिन B 12 की कमी होने लगती है तो ऐसे में व्यक्ति का दिमाग़ कमज़ोर होने लगता है। इससे व्यक्ति को सामान्य दैनिक क्रियाकलापों को याद रखने में परेशानी होने लगती है।

3.नींद की कमी के कारण

शरीर को पर्याप्त आराम की ज़रूरत होती है। यदि सही से नींद के चक्र को पूरा न किया जाए तो ऐसे में व्यक्ति का मस्तिष्क या दिमाग़ कमज़ोर होना शुरू हो जाता है। इसके फलस्वरूप ALZEIMER जैसी ख़तरनाक बीमारी भी हो सकती है।

4.सिर में दर्द की समस्या

सिर में दर्द भी अल्ज़ाइमर जैसी ख़तरनाक बीमारी का कारण हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या है तो उसे इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

5.मोटापे के कारण

शरीर पर अतिरिक्त वसा के होने के कारण भी दिमाग़ की नसें कमज़ोर हो सकती है। ये ALZEIMER का कारण बन सकता है।

अल्जाइमर रोग का उपचार

इस बात का ख्याल रखना बहुत ज़्यादा जरूरी है कि ALZEIMER की बीमारी का कोई भी सटीक इलाज नहीं है। यदि यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो गई तो इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ यही है कि उनकी अच्छी देखभाल की जाए। उनका खास खयाल किया जाए। इसके साथ-साथ उन्हें अच्छे खाने पीने, पोषण से भरपूर आहार, व्यायाम, सुबह जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने का खास खयाल रखना ज़रूरी है। इस तरीके से किसी हद तक उनकी इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है परंतु बीमारी पूरी तरीके से खत्म नहीं हो सकती।

निष्कर्ष

ALZEIMER भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) की सबसे आम किस्म है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 55 मिलियन लोग इस भूलने की बीमारी से जूझ रहे हैं। यह बीमारी मस्तिष्क में याददाश्त को नियमित करने वाले हिस्सों को प्रभावित करती है जिसके कारण व्यक्ति का अस्तित्व, उसकी पहचान, शख्सियत, व्यवहार, उसके मिजाज यहां तक कि उसके पूरे याद करने वाले हिस्से पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।  डिमेंशिया की बीमारी के कम से कम 100 किस्में होती हैं, परंतु सबसे जानी पहचानी किस्म ALZEIMER है। स्त्रियों में पुरुषों के मुकाबले यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है।

यह बीमारी आज कल तेज़ी से लोगों में फैल रही है। ये बीमारी कंट्रोल की जा सकती है इसलिए इस बीमारी से पीड़ित लोगों को हताश होने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को अल्ज़ाइमर रोग है तो उसे तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए ।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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