कम उम्र में हीं बच्चों के आंख खराब होने की समस्या से बचाव का रामबाण आयुर्वेदिक उपाय… Dr Uma Pandey

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल पटना की EYE & ENT  विभागाध्यक्ष डॉक्टर उमा पांडेय ने कहा कि रोजमर्रा के काम के लिए हम आंखों पर निर्भर रहते हैं लेकिन जब तक हमारी आंखों में कोई समस्या नहीं आती तब तक हम अपनी आंखों पर ध्यान नहीं देते हैं।यहां तक कि पढ़ाई के दौरान खराब मुद्रा, गलत खान-पान और अनियमित दिनचर्या के अलावा टीवी और मोबाइल स्क्रीन के अधिक संपर्क में रहने के कारण बच्चों को भी चश्मा पहने देखा जाता है। दिन भर कंप्यूटर और अन्य गैजेट्स के इस्तेमाल के कारण तनाव और तनाव से संबंधित नेत्र विकार आम हो गए हैं । जीवनशैली का असर भी आंखों पर पड़ता है।जिसके चलते कम उम्र में हीं बच्चो के आंखों पर चश्मा लग जा रहा है।

आंखों से संबंधित कुछ विकार

मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, सूखी आंखें, आंखों से पानी आना, मायोपिया, हाइपरमेट्रोपिया आदि।आयुर्वेद के अनुसार, दोष असंतुलन विशेषकर पित्त दोष असंतुलन नेत्र विकारों का कारण बन सकता है।कुछ आसान टिप्स और व्यायाम से आप अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं।

नेत्र व्यायाम

  • आंखों को स्वसस्थ रखने के लिए कुछ आसन और व्यायाम जैसे सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, शवासन आदि योग आसन आंखों के लिए अच्छे होते है ।
  • हथेलियों को 10 सेकंड तक रगड़ने और फिर बिना दबाव के बंद आंखों पर रखने से आंखों को आराम मिलता है।
  • जब खुली और बंद आंखों से आंखों को घड़ी की दिशा और घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाने और दोनों आंखों को कसकर बंद करने से भी आंख का अच्छा व्याम हो जाता है ऐसा 10 बार दोहराने और यह करने से आंखो की रौशनी बनी रहती है।

हेल्दी डायट का रखें ध्यान 

घंटों तक स्क्रीन देखते रहने और पर्याप्त मात्रा में हेल्दी डाइट नहीं लेने की वजह से भी आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है । आइए जानते हैं किन चीजों को डाइट में शामिल करने से आंखों की रोशनी को बरकरार रख सकते हैं ।

आंवला

आंवला सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है. आप आंवला को खाली पेट या मरब्बा के रूप में खा सकते है. इसमें विटामिन सी होता है जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है। आंवला सिर्फ आंखों के लिए नहीं, सेहत के लिए फायदेमंद होता है, इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल स्किन और बालों में भी कर सकते हैं।

गाजर

गाजर आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है. ये आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है. इसमें बीटाकैराटीन और विटामिन ए होता है जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. गाजर आंखों के साथ- साथ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी सब्जियों में एंटी ऑक्सीडेंट, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है. आंखों को हेल्दी रखने के लिए पत्तेदार सब्जियां खाएं. हरी सब्जियां आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है. हरी सब्जियों में आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है।

बादाम

बादाम में विटामिन ई होता है जो आंंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है. ये एक सुपर फूड है जो आपके दिमाग को तेज करने में मदद करता है. स्टडी के अनुसार विटामिन ई मैकुलर डिजनरेशन को धीमा करने में मदद करता है जो आंखों को हेल्दी रखता है।

आहार में ज्यादा से ज्यादा हरी साग- सब्जिय,जौ, हरी मूंग, करेला, बैंगन, सहजन, कद्दू, मूली, कच्चा केला, धनिया, करी पत्ता, हल्दी, आंवला, टमाटर, खजूर, बादाम आदि शामिल करें। फल में सेब, संतरा, अंगूर, आम, पपीता, अमरूद, अनार आदि आंखों के लिए काफि फायदेमंद होते हैं।

नेत्र विकार निवारक आयुर्वेदिक उपाय

  • नियमित रूप से पैरों की तेल से मालिश करें
  • त्रिफला के पानी से आंखें धोएं (एक चम्मच त्रिफला रात भर पानी में भिगो दें, सुबह इस पानी को छान लें),
  • ठंडे पानी या गुलाब जल में डूबा हुआ कॉटन पैड आंखों पर रखें।
  • सिर पर नियमित रूप से गर्म पानी डालने से बचें।
  • दिन में सोने और रात्रि जागरण से बचें। रात को अच्छी नींद लें।
  • कम या अत्यधिक तेज़ रोशनी में पढ़ने और काम करने से बचें।
  • किसी भी वस्तु को अत्यधिक देखने, टीवी को करीब से देखने, अत्यधिक रोने, प्राकृतिक इच्छाओं को दबाने, अत्यधिक क्रोध और शोक से बचें।

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में रोगी की स्थिति के अनुसार आहार, दवा और उपचार सुझाए जाते हैं।आंतरिक औषधि जैसे त्रिफला घृत, सप्तामृत लौह, यष्टिमधु चूर्ण आदि निर्धारित हैं।त्रिफला, शहद और घी को मिलाकर पेस्ट बना कर इस पेस्ट को रात के समय 3-4 महीने या उससे अधिक समय तक लगाने से आंखों की रौशनी में इजफा होती है । साथ हीं आंख के रोग से बचाव में औषधीय अंजन, नेत्र तर्पण आदि मह्तवपूर्ण सहायक उपचार हैं।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

सन्नी प्रियदर्शी की रिपोर्ट

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