Medical Mike Desk: शहर के जाने माने पशु चिकित्सक सर्जन डॉ. रमेश तिवारी ने गायों के खान पान को लेकर पशुपालको को सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि, पशुपालक भाईयों को अपने गाय भैस को खिलाते समयय ये विशेष ध्यान रखेने की आवश्यकता है की उसके खाने में कोई ऐसा पदार्थ नहीं चला जाए जो पशु के स्वास्थय को प्रभावित करें।
हाल के दिनो में हमारे यहां गाय भैसों में किल, कंकड़-पत्थर, लोहा का टुकड़ा खा लेने वाले पशुओं की संख्या बढी है । जो इस बात की ओर ईसारा करती है की पशुपालक एक तो पशु के खाने में साफ सफाई का ध्यान नही दे पा रहे । वहीं दूसरी तरफ जब पशु की तबियत बहुत बिगड़ जाती है तब वह हमारे यहां लेकर आते है । जहां पशु को बचाना काफी चैलेंजींग हो जाता है और कभी- कभी पशु की जान तक चली जाती है ।
कील तार पशु के पेट में जाने के लक्षण
अभी हमारे पास खाने में किल(कांटी) खाई हुई एक गाय आई हुई है जो पिछले बिस दिनों से बिमार है जिसे गाय के मालिक ने अपने आस पड़ोस कई डॉक्टर से दिखाये पर गाय को कोन सी बिमारी है ये पकड़ में नही आई । जिसके कारण गाय के पेट में पानी जमने की समस्या, सुजन की समस्या, तेज बुखार भोजन कर देने जैसी कई समस्या उत्पन हो जाती है और पशु कमजोर हो जाते है।
बचाव के उपाय
जब भी आपके पशु को तेज बुखार, शरीर में सुजन, खाने में कमी जैसी समस्या दिखाई पड़े तो बिना देरी किये अपने नजदिकि स्वास्थय केन्द्र पर जायें और उसका चेक अप कराये ताकि पता चले सके की आपके पशु को क्या समस्या है । आज के समय में पशु के चेकअप के लिये अस्पताल मे सारी सुविधाए उपलब्ध है । जिसका फायदा किसान भाईयों को उठानी चाहिए।