Medical Mike Desk : कोरोना महामारी के आने के बाद तमाम कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ दे दिया था। वर्क फ्रॉम होम ने लोगों को इतनी सहुलियतें प्रदान की हैं कि अब उनको इसकी बुरी आदत लग चुकी है। कुछ कंपनीज़ ने अब भी अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ दिया हुआ है। क्योंकि इससे ऑफिस का खर्च काफी बच रहा है। कर्मचारियों का भी ऑफिस आने-जाने का समय और किराया बच रहा है। यही वजह है कि वर्क फ्रॉम होम कोरोना का कहर खत्म होने के बाद भी जारी है। मगर क्या आप जानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम के चलते लोगों की सेहत पर कितना बुरा असर पड़ रहा है?
दरअसल, वर्क फ्रॉम होम के कुछ चौंकाने वाले साइड इफेक्ट्स बताए हैं। इस कंपनी ने कुछ 3-डी तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वर्क फ्रॉम होम की वजह से शरीर पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को दिखाया गया है। इस तस्वीरों को जब आप गौर से देखेंगे तो चौंक जाएंगे। फोटोज़ में एक मॉडल की शारीरिक बनावट को 3-D में दिखाया गया है। वर्क फ्रॉम होम के प्रभाव के कारण शरीर की बनावट बिल्कुल खराब दिखाई गई है। उंगलियां मुड़ी हुई तो कूबड़ निकला हुआ दिखाया गया है। शरीर का निचला हिस्सा भी फैटी दिखाया गया है।
2100 में हम सब ऐसे दिखाई देंगे!
कंपनी के मुताबिक, यह तस्वीरें इस बात का बखान करती हैं कि 2100 में हम सब कैसे दिखाई देंगे। स्किन एक्सपोजर, बैठने का गलत तरीका और टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल न सिर्फ शरीर को बिगाड़ देगा, बल्कि कई बीमारियां भी पैदा कर देगा। प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो अमेरिका की 14 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जो सिर्फ घर से काम कर रही है। जबकि 28 प्रतिशत लोगों ने हाइब्रिड शेड्यूल पर अपना काम किया।
लगातार स्क्रीन पर न गड़ाए रखें नजरें
रिपोर्ट के मुताबिक, एक डॉक्टर ने कहा कि रेगुलर मूवमेंट की कमी से मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर हो सकता है। लगातार बैठे रहने या गलत तरीके से बैठने से किसी पुराने दर्द की फिर से शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा, चूंकि कई लोग अंधेरे या कम रोशनी में लैपटॉप में काम करना पसंद करते हैं। इससे आंखों पर बुरा असर पड़ेगा। आंखों पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों से बचने के लिए यह जरूरी है कि 20 मिनट तक लगातार लैपटॉप स्किन को देखने के बाद अपनी नजर वहां से हटा लें और 20 फीट की दूरी पर 20 सेकंड के लिए देखें।