आपको भी है नींद में चलने की बीमारी, तुंरत करें ये काम, जानें Sleepwalking का इलाज

Medical Mike Desk : आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप रात में बेड पर सोएं और सुबह अपने सोफे पर खुद को पाएं? या अपने कपड़ो पर अजीब प्रकार का सिकुड़न देखा हो जिसके बारे में आपको कुछ याद ना आ रहा हो। अगर हां, तो आप उन 6.9 प्रतिशत लोगों में शामिल हैं जिन्होंने स्लीपवॉकिंग को एक्सपीरियंस किया है। स्लीपवॉकिंग जिसे सोनामबुलिज्म भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जसमें इंसान नींद में घूमने लगता है। बड़ो की तुलना में ये समस्या बच्चों में ज्यादा होती है। स्लीपवॉकिंग की समस्या हेल्थ, मेडिकेशन और जेनेटिक प्रॉब्लम की वजह से हो सकता है। हालांकि, बार-बार नींद में चलना एक अंडरलाइंग स्लीप डिसऑर्डर का संकेत भी दे सकता है।

क्या है स्लीपवॉकिंग?

स्लीपवॉकिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप इधर-उधर टेहलने लगते हैं, कुछ अजीब हरकते करने लगते हैं और अपने मन में ही कुछ बड़बड़ाने लगते हैं। ये सब करते समय आपकी आंखें खुली रहती है लेकिन आप गहरी नींद में रहते हैं। अमेरिकी मानसिक रोग नींद में चलने को डिसऑर्डर नहीं मानते हैं जब तक यह आपको परेशानी पहुंचाने वाली मात्रा में बार-बार न हो और आपकी दिनभर की कार्यक्षमता को प्रभावित ना करे।

क्या होते हैं स्लीपवॉकिंग के लक्षण?

स्लीपवॉकिंग की समस्या रात में सोने के दो-तीन घंटे बाद ही होती है। कभी कभार झपकी लगने पर इसकी समस्या हो सकती है। स्लीपवॉकिंग कुछ मिनट से लेके कुछ घंटो तक के लिए भी हो सकता है।

क्या है स्लीप टेरर्स?

स्लीपवॉकिंग के अलावा कुछ लोगों में स्लीप टेरर्स की समस्या देखने को मिलती है। इसमें इंसान तुरंत उठने के बाद ही अपने आप को भ्रमित पाता है और खुद के लिए हिंसाजनक बन जाता है। इसके लक्षण के बारे में जानते हैं।

स्लीपवॉकिंग के कारण

प्रॉपर नींद पूरी ना होना। किसी चीज का स्ट्रेस लेना। जेनेटिक समस्या। बुखार भी इसका एक कारण हो सकता है। शराब का सावन करना

स्लीपवॉकिंग से कैसे करें बचाव

स्लीपवॉकिंग रोकने के लिए सोने का टाइम सेट करें और प्रॉपर नींद लें। शराब और सिगरेट का सेवन कम करें। अपने आप को चिंता और तनाव से दूर करें। सुबह जल्दी उठ कर रात में जल्दी सोने की आदत डालें। अपने रुटीन में व्यायाम शामिल करें।

कब करें डॉक्टर से संपर्क

वैसे तो स्लीपवॉकिंग कोई खतरनाक बीमारी नहीं है। ये अपने आप ही रिजॉल्व हो जाती है। इसे डेली रुटीन का हिस्सा समझ सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी के लिए हिंसक बन रहें हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।

ऐसी सिचुएशन में करें डॉक्टर से बात

हफ्ते में एक-दो बार से अधिक या रात में कई बार होना। स्लीपवॉक करना या दूसरों के साथ खतरनाक व्यवहार करना या उन्हें किसी तरह की चोट पहुंचाना। घर में नींद में चलने से प्रॉब्लम्स क्रिएट करना। पहली बार स्लीपवॉकिंग के सिम्टम्स दिखना।

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