कैक्टस से होते हैं चौकाने वाले फायदे, इन सभी समस्याओं को करता है दूर

Medical Mike Desk : इसमें कोई शक नहीं की जब आप कैक्टस का नाम सुनते हैं तो आपके दिमाग में रेत या टम्बलवीड का ख्याल आता है ना कि हेल्दी फूड्स का। लेकिन बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि नोपाल कैक्टस हजारों वर्षों से मैक्सिको और यूनाइटेड स्टेट में एक नैचुरल मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ना केवल नैचुरल मेडिसिन के रूप में बल्कि कैक्टस के पौधे ने अपनी जगह वेलनेस वल्ड और ब्यूटी प्रोडक्ट में बना ली है। कैक्टस के पौधे में भरपूर मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन पाया जाता है जो इसे सेहत के लिए फायदेमंजद बनाता है।

कांटेदार कैक्टस का पौधा देखने में काफी आकर्षक होता है। यह जितना कांटेदार होता है उतना ही रोगों के दूर भी करता है। कैक्टस में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बहुत सी बीमारियों को दूर करने में असरदार होते हैं। इसे कई जगहों पर नागफनी के नाम से भी जाना जाता है और इसका इस्तेमाल औषधि बनाने में भी किया जाता है।

त्वचा के लिए लाभकारी

त्वचा के लिए नागफनी का तेल बहुत फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा चमकदार हो जाती। नागफनी में मौजूद विटामिन-A त्वचा को हैल्दी बनाने में मदद भी करता है।

डायबिटीज में असरदार

नागफनी में फाइबर मौजूद होता है जो डायबिटीज पेशेंट्स के लिए सहायक होता है। यह ब्लड शुगर लेवल को काबू में रखता है इसलिए डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए नागफनी जरूरी होता है।

कैंसर में होता है असरदार

यदि समय रहते नियमित रूप से नागफनी का सेवन किया जाए तो यह कैंसर रोगी और सामान्यय लोगों को कैंसर से बचाने में मदद करता है। इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी भी होता है जो इम्युनिटी बढ़ाता है।

वजन घटाने में मददगार

नागफनी का इस्तेमाल लोग सलाद के रूप में भी करते हैं। इसे खाने से वजन कम किया जा सकता है। अधिक वजन होने पर इसेके कांटे हटाकर और उपर की परत हटाकर खाएं।

हड्डियां मजबूत होती हैं

नागफनी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में असरदार होता है।

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कैक्टस के नुकसान

कैक्टस के नुकसान की बात करें, तो कुछ विशेष मामलों में इसकी अधिक मात्रा निम्न लक्षण प्रदर्शित कर सकती है। इसमें ब्लड शुगर को कम करने का गुण पाया जाता है। इसलिए, ऐसे लोग जो शुगर की दवा ले रहे हैं, उन्हें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। दवा के साथ इसका भी सेवन करने से हाइपोग्लाइसेमिया होने की आशंका रहती है। फाइबर की मौजूदगी के कारण इसका अधिक सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम किडनी स्टोन और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। कुछ खास लोगों में इसके सेवन से एलर्जी होने की शिकायत भी पाई गई है।

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