Medical Mike Desk : चना या मुंग अनाज के स्प्राउट्स को सेहत के लिए फायदेमंद ही माना जाता है। कई लोग रोजाना इसे खाली पेट खाना पसंद करते हैं। कुछ लोग इसे खाली पेट इसलिए खाते हैं क्योंकि इसमें काफी ज्यादा फाइबर होता है जो पेट साफ रखने के काम आता है। क्योंकि सारी बीमारी पेट से ही जुड़ी होती है तो पेट साफ तो सभी बीमारी आपसे दूर। लेकिन क्या आप जानते हैं स्प्राउट्स खाने के कई सारे साइडइफेक्ट्स भी हैं। यानी कच्चे अंकुरित मुंग सिर्फ फायदा ही नहीं करते बल्कि यह सेहत के लिए नुकसानदायक भी हैं। किसी भी चीज के स्प्राउट्स को कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह आपके सेहत पर बुरा असर करता है।
कच्चे स्प्राउट्स में पाए जाते हैं ढ़ेर सारे बैक्टीरिया
रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे स्प्राउट्स सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता है। स्प्राउट्स बीज से उगते हैं। अंकुरित होने के पूरे प्रोसेस में ई कोलाई और सैल्मोनेला जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यह बैक्टीरिया किसी भी चीज पर बहुत जल्दी अटैक करती है। इस स्प्राउट्स में बैक्टीरिया होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। एफडीए के मुताबिक, बीज के बाहर और बीज में अगर कोई पहले से बैक्टीरिया होती है। तो अंकुरित होने के प्रोसेस में काफी तेजी से बढ़ने लगता है। घर पर बने स्प्राउट्स में भी यह खतरा रहता है।
कच्चा स्प्राउट्स खाने से पेट में होती है ये दिक्कत
रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा स्प्राउड्स खाने से फूड प्वाइजनिंग का खतरा काफी ज्यादा रहता है। अगर आप इसे अच्छे से नहीं पकाते हैं तो आपको बैक्टीरिया के नुकसान को झेलना पड़ सकता है। स्प्राउट्स को पकाने के दौरान इसकी सारी बैक्टीरिया मर जाती है और पेटी से संबंधित बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
‘एफडीए’ की खास सलाह है कि स्प्राउट्स को खाने से पहले अच्छी तरह से साफ पानी से धो लेना चाहिए। इससे बैक्टीरिया निकल जाते हैं। सिर्फ धोने से काम नहीं चलेगा आपको स्प्राउट्स के बैक्टीरिया को मारना है तो आपको इसे अच्छे तरीके से पकाना होगा। तभी ये खाने लायक बनेगा। सीडीसी के मुताबिक, जिनकी इम्युनिटी कमजोरी होती है उन्हें फूड प्वाइजनिंग का खतरा सबसे ज्यादा होता है। साथ ही लोगों को कच्ची सब्जियां या स्प्राउट्स कभी नहीं खाना चाहिए इससे बैक्टीरिया डायरेक्ट पेट पर अटैक करती है।
Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।