क्या मेंटल स्ट्रेस के कारण हो सकता है ब्रेन ट्यू्मर, जानें

Medical Mike Desk : ब्रेन ट्यूमर वाले मरीजों में सिरदर्द, उल्टी, अंग की कमजोरी, दौरे पड़ना, नजर का धुंधला होना और स्मृति में गड़बड़ी का सामना करना पड़ सकता है। दिमाग में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इनमें एक खतरनाक डिजीज ब्रेन ट्यूमर है। इसका अगर समय पर इलाज न हो, तो ये जानलेवा साबित होती है। ब्रेन ट्यूमर क्यों होता है इस बारे में आजतक कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है। ब्रेन ट्यूमर दो तरह का होता है। ट्यूमर मस्तिष्क के दाएं या बाएं तरफ हो सकते हैं। अगर समय पर इनका इलाज न हो तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।

ब्रेन ट्यूमर वाले मरीजों में सिरदर्द, उल्टी, अंग की कमजोरी, दौरे पड़ना, नजर का धुंधला होना, स्मृति में गड़बड़ी का सामना करना पड़ सकता है। सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कींमोथरेपी से इसका ट्रीटमेंट किया जाता है। हालांकि अब माइक्रोस्कोप, एंडोस्कोप और इंट्राऑपरेटिव मॉनिटरिंग जैसे सर्जिकल आर्मामेंटेरियम ने ब्रेन ट्यूमर के ट्रीटमेंट को पहले की तुलना में आसान बना दिया है। अब नेविगेशन सिस्टम से सर्जरी के दौरान ब्रेन ट्यूमर की लोकेशन के काफी सटीक जानकारी मिल जाती है।

क्या मेंटल स्ट्रेस से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर

डॉक्टर बताते हैं कि मेंटल स्ट्रेस का इससे सीधा कोई संबंध नहीं है, लेकिन अगर आपको अकसर सिरदर्द रहता है, तो एक बार टेस्ट करा लेना चाहिए। रोज हो रहा सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के मामले में ये बहुत जरूरी है कि समय पर इलाज मिल जाए। ऐसा न होने से ये बीमारी जानलेवा बन सकती है। चिंता की बात यह है कि ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। ऐसे में लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है।

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डॉक्टर का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर हर मामले में कैंसर कारक नहीं होता है, लेकिन लोगों में धारणा है कि ये कैंसर बन जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लक्षण भी एक से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसका इलाज ट्यूमर की लोकेशन, साइज और मरीज की स्थिति के हिसाब से किया जाता है।

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