Medical Mike Desk : आजकल हर उम्र के बच्चे-बूढ़े जवान अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त मोबाइल फोन पर गुजारते हैं। आज हम जानेंगे कैसे स्मार्ट फोन दिमागी रूप से बीमार कर रहा है। ऐसा करना कितना ज्यादा खतरनाक है यह आप सोच भी नहीं सकते हैं। घंटों मोबाइल पर चिपके रहने ही लत इंसान को दिमागी रूप से बीमार कर रही है। यह सिर्फ नींद पर ही नहीं बल्कि सिरदर्द, माइग्रेन अटैक के जोखिम को भी बढ़ा रही है।
सिर्फ इतना ही नहीं ज्यादा मोबाइल देखने के चक्कर में ही कम उम्र में ही बूढ़े हो रहे हैं। स्कीन से निकलने वाली ब्लू रेज स्किन और आंख दोनों को काफी ज्यादा खराब कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोबाइल की खतरनाक रेडिएशन थायराइड के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दे रही है।
30 मिनट से ज्यादा फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि 30 मिनट से ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से हाइपरटेंशन की दिक्कत हो रही है। साथ जो बच्चे रेग्युलर वीडियो गेम्स खेलते हैं वह फिजिकल और मेंटली तौर पर बीमार हो जाते हैं। किसी भी उम्र के व्यक्ति को मोबाइल से बचकर ही रहना चाहिए। यह आपको डिजिटल डिटॉक्स कर रहा है। ऐसे में पता होना चाहिए कि किसी व्यक्ति को कितनी देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करना है। और वक्त रहते इसे छोड़ देना चाहिए। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से सेहत बिगड़ी भी सकती है।
स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से क्या-क्या खराब हो सकता है
विजन सिंड्रोम। आइ साइट्स कमजोर। ड्राईनेस। पलकों में सूजन। रेडनेस। तेज रोशनी में आंख में दर्द। पलक न झपकने की आदत। आखों का सबसे बड़ा दुश्मन। स्मार्टफोन की वजह से ब्लू लाइट, रेटिना डैमेज और नज़र कमज़ोर। स्मार्ट फोन आपको अंदर से कर देता है बीमार। कमजोर आइ साइट्स होना। ठीक से सुनाई नहीं देना। एकाग्रता में कमी। मोटापा। आंखों में गड़बड़ी। खराब लाइफस्टाइल। ऑनलाइन काम, वर्क फ्रॉम होम। प्रदूषण। आंखों की रोशनी ऐसे बढ़ा सकते हैं। मात्रिफला एक चम्मच दूध के साथ खाएं। पूरे दिन में दो बार खाएं।