Medical Mike Desk : दिन भर की थकान के बाद हर कोई चाहता है कि उसे रात में अच्छी और सुकून भरी नींद आए। बिना कोई सोच विचार के जब लेटे तो तुरंत सो जांए। लेकिन ऐसा सबके साथ नहीं होता है। कई लोग घंटो कोशिशों के बाद भी या तो लेट से सोते हैं या तो सो ही नहीं पाते हैं। इसके चलते शरीर में नींद पूरी ना होने की वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जैसे की आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स या सुबह बिना एनर्जी के साथ उठना। इस नींद ना आने की बिमारी को इंसोमनिया कहते हैं। इंसोमनिया की वजह विटामिन की कमी हो सकती है जो बॉडी सिस्टम में गड़बड़ी कर सकता है और माइंड को रीलैक्स मोड में नहीं रहने देता है।
इस विटामिन की कमी से नींद नहीं आती है
विटामिन डी की कमी शारीरिक और मांसिक थकावट का कारण बन सकती है। विटामिन डी का लो लेवल इंसोमनिया या स्लीप पैटर्न को बिगाड़ने की वजह बन सकती है। विटामिन डी को प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्त्रोत सुबह और शाम की धूप को माना गया है। हेल्थ के मुताबिक, विटामिन डी से भरपूर भोजन यानी कि सैल्मन मछली, कोड लिवर ऑयल, अंडे का पीला भाग, मशरूम, गाय का दूध, सोया मिल्क, संतरे का जूस, ओटमील खाने से विटामिन डी की कमी पूरी करके मीठी और गहरी नींद पा सकेंगे।
विटामिन बी6 से भी हो सकती है इंसोमनिया की दिक्कत
दिमाग में मेलाटोनिन और सेरोटोनिन का पर्याप्त लेवल गहरी नींद पाने और फ्रेश फील करने के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन बी6 के कमी के कारण दोनों हॉर्मोन कम या तो बिलकुल ही नहीं बनता जिसकी वजह से इंसोमनिया की बीमारी हो सकती है। विटामन बी6 की समस्या को दूर करने के लिए चिकन का सेवन, मूंगफली का सेवन, सोयाबीन, ओट्स का सेवन, नियमित केला खाना और दूध लें।
इंसोमनिया के प्रकार
इंसोमनिया के दो प्रकार होते हैं पहला प्राइमरी इंसोमनिया दूसरा सेकेंडरी इंसोमनिया। प्राइमरी इंसोमनिया में नींद ना आने की समस्या किसी शारीरिक बीमारी से नहीं जुड़ा होता बल्कि सेकेंडरी इंसोमनिया में नींद ना आने की वजह हेल्थ से रिलेटड हो सकती है, जैसे अस्थमा, केंसर, डिप्रेशन और अर्थराइटिस।
इंसोमनिया रिस्क फैक्टर
इंसोमनिया, पुरुष के मुकाबले औरतों को और यंग जनरेशन के मुकाबले ओल्ड जनरेशन को ज्यादा इफेक्ट करता है। मिडिल ऐज के लोगों पर भी रिस्क फैक्टर का खतरा बना हुआ है। रिस्क फैक्टर लंबे समय तक बीमार रहना, मेंटल हेल्थ की समस्या होना और काम की शिफ्ट बदलने पर हो सकता है।
कैसे ठीक करे इंसोमनिया?
एक्यूट इंसोमनिया को ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। अगर दिन भर के काम करने में आलस या थकान हो रही है तो डॉक्टर आपको स्लीपिंग पिल्स कुछ दिन खाने का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन इंसोमनिया से बचने के लिए स्लीपिंग पिल्स का ओवरडोस़ ना करे इसका साईड इफेक्ट हो सकता है और ये समस्या सही करने के बजाए गड़बड़ भी कर सकती है।
Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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