Medical Mike Desk : गर्मियों के मौसम में दूषित पानी और बासी भोजन के सेवन से टाइफाइड के मामले बढ़ जाते हैं। इस बुखार के शुरुआती लक्षण वायरल फीवर की तरह ही होते हैं। गर्मियों के इस समय में बैक्टीरिया से होने वाली कई बीमारियों का खतरा रहता है। इनमें से एक डिजीज है टाइफाइड, जिसके केस बीते कुछ दिनों से बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, टाइफाइड का बुखार इंफेक्शन के कारण होता है। ये पेट की आंतों पर असर करता है। बाद में ब्लड में भी चला जाता है। टाइफाइड के मामलों बीते दिनों से ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसका कारण दूषित पानी और बासी भोजन का सेवन है।
बासी भोजन में टाइफाइड फैलाने वाले बैक्टीरिया पनप जाते हैं, जो खाने के जरिए शरीर में जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं। आमतौर पर टाइफाइड का बुखार खतरनाक नहीं होता है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वालों और देरी से ट्रीटमेंट के मामलों में मरीज की हालत बिगड़ सकती है।
ये होते हैं लक्षण
डॉक्टर बताते हैं कि टाइफाइड की शुरुआत में हल्का बुखार आता है। इसके साथ ही उल्टी और जी मिचलाना की परेशानी होती है। भूख में कमी और शरीर में कमजोरी होने लगती है। कुछ लोगों को पेट में तेज दर्द भी हो सकता है और हल्की खांसी भी आती है। अगर आपको ये लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत इलाज करा लेना चाहिए।
डॉक्टर का कहना है कि टाइफाइड में बुखार बढ़ भी सकता है, लेकिन इसमें हार्ट बीट नही बढ़ती है, जबकि आम बुखार में फीवर बढ़ने पर हार्ट रेट भी बढ़ जाता है। टाइफाइड बुखार की पहचान बल्ड कल्चर टेस्ट से की जाती है। ये बुखार दो या तीन दिन में सही नहीं होता है। इसके लिए खास तरह की एंटीबायोटिक दवाएं मरीज को दी जाती हैं, जिसका कोर्स 12 से 14 दिनों का होता है। लोगों को सलाह है कि इस समय टाइफाइड के लक्षणों को हल्के में न लें। कोई भी परेशानी महसूस होने पर खुद से एंटीबायोटिक न लें और डॉक्टर से सलाह करें।
ये हैं बचाव के तरीके
घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें। बर्तनों को साफ रखें। हाथ धोकक ही भोजन करें। स्ट्रीट फूड न खाएं। बासी खाना न लें। साफ पानी पीएं।
Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।