‘हर 100 में से 30 लोग तंबाकू के कारण हो रहे कैंसर का शिकार’

Medical Mike Desk : देश में हर साल कई लाख लोग कैंसर की चपेट में आ जाते हैं। बीते कई दशकों से ये बीमारी लोगों की मौत का एक बड़ा कारण बनी हुई है। कैंसर के केस बढ़ने का कारण खराब लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें हैं। ये बीमारी लगातार अपना दायरा बढ़ाती जा रही है। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि कैंसर से बचना कैसे है और इसकी पहचान के लिए कौन से टेस्ट करा सकते हैं।

कैंसर के केस क्या पिछले 10 सालों में बढ़े हैं?

अब कैंसर की जांच के लिए कई प्रकार की बेहतर और नई तकनीक आ गई हैं। जिससे पहले की तुलना में बीमारी की पहचान आसानी से हो रही है। इससे ज्यादा मरीजों का डायग्नोज हो रहा है। पहले बेहतर जांच तकनीक नहीं थी तो कई सारे कैंसर केस दूसरी बीमारी की तरह ट्रीट होते रहते थे, लेकिन अब इस स्थिति में काफी सुधार आ रहा है। उदाहरण के तौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में इजाफा हो रहा है। इस कैंसर के मामले बढ़ने का कारण शहरी और आराम तलब लाइफस्टाइल, देरी से शादी करना, देरी से बच्चे करना, हार्मोनल दवाओं का इस्तेमाल और जेनेटिक फैक्टर हैं। दूसरी तरफ महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस अब पहले की तुलना में कम आ रहे हैं।

नॉन स्मोकर भी लंग्स कैंसर का शिकार क्यों हो रहे हैं?

लंग्स कैंसर होने का बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है, हालांकि अब ऐसे कई मरीज सामने आते हैं जिन्होंने तंबाकू नहीं लेते हैं। इन लोगों में कैंसर होने का इसका कारण पैसिव और सेकेंड हैड स्मोकिंग है, यानी जब कोई स्मोकिंग कर रहा है तो अगर आप उस व्यक्ति के साथ बैठे होते हैं तो आपके लंग्स में धुंआ जाता है और बीमारी का कारण बनता है।

क्या कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है

कैंसर से सर्वाइवल इस बात पर निर्भर करता है कि इसकी पहचान किस स्टेज में हुई है और कैसा इलाज मिला है। अगर बेहतर इलाज मिलता है, तो मरीज के बचने के चांस बढ़ जाते हैं। लेकिन क्योर रेट इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर का पता किस स्टेज में चला है। शुरुआती स्टेज में बीमारी का पता चलने से मरीज आसानी से रिकवर हो सकता है।

कैंसर से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

लोगों के लिए संदेश है कि तंबाकू का सेवन कम करने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर के 100 में 30 मरीज तंबाकू का सेवन करने वाले होते हैं। ऐसे में अगर इसको कंट्रोल करें तो कैंसर के मामले एक तिहाई कम हो सकते हैं। दूसरा चीज है अर्ली डायग्नोज यानी जल्दी से बीमारी की पहचान हो जाए। इसके लिए कैंसर के लक्षण दिखने पर सही समय पर टेस्ट कराना जरूरी है। जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं वे की जांच कराएं। अगर आपके शरीर में कोई गांठ है जो धीरे-धीरे बढ़ रही है तो उसका टेस्ट भी कराना जरूरी है।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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