पहली प्रेग्रेंसी के बाद भी बांझपन का खतरा ! एक्सपर्ट से जानिये कारण

Medical Mike Desk : इनफर्टिलिटी यानी बांझपन कीसमस्या का कारण आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल माना जाता है। लेकिन हर बार यही कारण हो, ऐसा संभव नहीं है। आपको बता दें कि ये एक ऐसी स्थिती है, जिसमें एक महिला गर्भधारण करने में विफल हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ महिलाएं सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना भी कर सकती हैं। सेकेंडरी इनफर्टिलिटी में महिला को एक बार गर्भाधारण करने के बाद दूसरी बार प्रेग्नेंसी में समस्या आती है। कई कपल्स तो सेकेंडरी इनफर्टिलिटी के बारे में जानते ही नहीं हैं।

क्या है सेकेंडरी इनफर्टिलिटी

डॉक्टर का कहना है कि आम बांझपन के अलावा सेकेंडरी इंफर्टिलिटी भी आम समस्या बनती जा रही है। सेकेंडरी इनफर्टिलिटी 35 साल से ज्यादा की कोशिश करने के छह से 12 महीनों के बाद गर्भवती होने में असमर्थता है। ये समस्या न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों को भी हो सकती है। इसके लक्षण भी प्राइमरीइनफर्टिलिटी के जैसे ही होते हैं।

क्या हैं सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का कारण

ईवीएफ एक्सपर्ट के मुताबिक, 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं में एग बनना कम हो जाता है। ये भी सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का कारण है। यही वजह है कि महिलाओं में ज्यादा उम्र के बाद प्रेग्नेंसी में समस्या आती है। वहीं, कुछ लोग पहली प्रेग्नेंसी के बाद कई सालों का गैप ले लेते हैं, जिससे उम्र बढ़ने के साथ एग की संख्या कम होने लगती है। यानी दूसरे बच्चे में गैर लेना भी इसका कारण हो सकता है।

फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज

फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज के कारण भी सेकेंडरी इनफर्टिलिटी हो सकती है। इस ब्लोकेज के कारण महिला के अंडाणु और पुरुषों केशुक्राणु से नहीं मिल पाते।

हार्मोनल बदलाव

शरीर के हार्मोंन्स में होने वाले बदलाव के कारण भी महिलाएं इस समस्या का सामना कर सकती हैं। इसके अलावा, वजन बढ़ना या मोटापा भी महिलाओं के प्रजनन को प्रभावित कर सकता है।

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क्या सेकेंडरी इनफर्टिलिटी का इलाज संभव है

ऐसी समस्या में हेल्थ एक्सपर्ट्स से बात कर सकते हैं, जो आपको सही इलाज के बारे में बता सकते हैं। डॉक्टर इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसे इलाज से गर्भधारण करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, ये महंगा इलाज माना जाता है।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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