बारिश के मौसम में बच्चे Typhoid और पीलिया का होते हैं शिकार, ये लक्षण दिखते ही करा लें इलाज

Medical Mike Desk : मौसम में काफी बदलाव हो रहा है। गर्मी के सीजन में पारा गिर रहा है और बरसात हो रही है। इस मौसम चेंज से लोग खुश हो रहे हैं, लेकिन ये आने वाले समय में कई प्रकार की परेशानी खड़ी कर सकता है। खासतौर पर सेहत पर मौसम की करवट का असर पड़ सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस समय में हो रही बारिश से बच्चों को बैक्टीरियल डिजीज होने का खतरा बढ़ रहा है। इस मौसम में टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों का रिस्क है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉक्टरों के मुताबिक, बारिश में कई प्रकार के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। जो इंफेक्शन कर सकते हैं। ये इंफेक्शन खराब पानी और भोजन की वजह से हो जाते हैं। अगर इस समय बच्चों को बुखार है और वो दो दिन से ज्यादा समय तक बना हुआ है तो टाइफाइड का टेस्ट भी करा लें।

खतरनाक हो सकता है टाइफाइड

आमतौर पर टाइफाइड का इंफेक्शन कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन समय पर इसका इलाज जरूरी है। देरी करने से ये बीमारी खतरनाक हो सकती है। इसकाबैक्टीरिया मुंह के जरिए शरीर में जाता है और टाइफाइड बीमारी का कारण बनता है। बच्चों में टाइफाइड होने पर कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आपके बच्चों को दो दिन से ज्यादा समय तक बुखार है। साथ ही उल्टी या दस्त की परेशानी भी है और भूख कम लग रही है तो टाइफाइड की जांच भी करा लें। इसके लिए सीआरपी या फिर ब्लड कल्चर जांच करा सकते हैं। सीआरपी का बड़ा हुआ स्तर टाइफाइड होने का संकेत होता है।

पीलिया का भी खतरा

बारिश के दौरान पीलिया का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। ये डिजीज भी संक्रमित पानी और भोजन की वजह से होती है। नवजात बच्चों में पीलिया का रिस्क काफी ज्यादा होता है। इस डिजीज का असर कई ऑर्गन पर पड़ सकता है। सबसे अधिक प्रभाव लिवर पर होता है। शरीर में बिलीरुबिन के ज्यादा बनने की वजह से ऐसा होता है। इसके लक्षणों में स्किन का पीला होना, नाखूनों का पीला होना, वजन घटना और पेट दर्द होना शामिल है। इस डिजीज का ट्रीटमेंट भी लक्षण दिखते ही करा लेना चाहिए। देरी घातक हो सकती है।

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ऐसे करें बचाव

टाइफाइड और पीलिया दोनों से बचाव के लिए जरूरी है कि हैंड हाइजीन का ध्यान रखें यानी बच्चों से कहें कि वे हाथ धोकर ही भोजन करें। बच्चों को साफ पानी दें और सरकारी नलों या टंकी का पानी पीने से रोकें। स्ट्रीट फूड खाने से परहेज करें। भोजन को गर्म करके खाएं। इससे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को टाइफाइड की वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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