क्या कैंसर की दवाओं से हार्ट हो रहा कमजोर ? जानें

Medical Mike Desk : भारत सहित दुनियाभर में कैंसर की बीमारी महामारी का रूप लेती दिख रही है। इस बीमारी के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनकी मदद से कैंसर की रोकथाम भी बेहतर तरीके से हो रही है। लेकिन अब कैंसर मेडिसिन को लेकर एक चौंकाने वाली रिसर्च सामने आई है। रिसर्च में दावा किया गया है कि कैंसर ट्रीटमेंट में यूज हो रही दवाएं सेहत को खराब कर सकती हैं।

स्टडी के मुताबिक, ये मेडिसिन कार्डियोटॉक्सिटी कर रही हैं। जिससे हार्ट को नुकसान पहुंच सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि कैंसर की मेडिसिन हार्ट हेल्थ को नुकसान कर रही हैं। इनसे हार्ट के फेल होने का रिस्क है। इस रिसर्च में कैंसर की दवाओं में एक प्रोटीन की पहचान की गई है। ये प्रोटीन हार्ट फंक्शन पर असर डाल सकता है। इस प्रोटीन के कारण हार्ट फेल और हार्ट फिब्रिलेशन की समस्या हो सकती है। कई मामलों में हार्ट में अन्य परेशानियां भी होने का खतरा है।

कैंसर मेडिसिन के विकास में मिलेगी मदद

रिपोर्ट के मुताबिक, दवाओं में मौजूद प्रोटीन से अन्य दवाओं के विकास में मदद मिल सकती है। इससे यह पता चल रहा है कि किन दवाओं में खतरनाक प्रोटीन है और भविष्य में इनमें क्या बदलाव करने की जरूरत है। इससे कैंसर ट्रीटमेंट की दिशा में काफी सहयोग मिलेगा। नई दवाओं के इस्तेमाल के रास्ते भी खुलेंगे। रिसर्च से संकेत मिलते हैं कि भविष्य में और एडवांस मेडिसिन की भी जरूरत है, जिनसे कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान हार्ट डिजीज का रिस्क न हो। फिलहाल अभी कुछ मेडिसिन पर ही ये रिसर्च की गई है, हालांकि कैंसर ट्रीटमेंट में कई प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल होता है। ऐसे में अभी इस स्टडी को बड़े पैमाने पर भी किया जा सकता है।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कैंसर सर्जन बताते हैं कि इस प्रकार की स्टडी होती रहती है, लेकिन आज तक भारत में इस प्रकार का कोई अध्ययन नहीं हुआ है। कैंसर मरीजों को दी जाने वाले कई प्रकार की मेडिसिन होती है। इस रिसर्च में यह पता नहीं चला है कि किन दवाओं में हार्ट को नुकसान पहुंचाने वाला प्रोटीन मिला है। ऐसे में अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। फिलहाल हार्ट डिजीज को लेकर अभी और रिसर्च करने की जरूरत है।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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