बात-बात पर रोने लगता है आपका बच्चा, तो हो जाएं सतर्क, ये है मेंटल ट्रॉमा

Medical Mike Desk : क्या आपका पांच से 10 साल का बच्चा बात-बात पर रोने लगता है? तो इस परेशानी को हल्के में न लें। इसका मतलब सीधा ये है कि आपका बच्चा किसी मेंटल ट्रॉमा का शिकार है। ऐसा बचपन में हुई किसी बुरी घटना की वजह से हो सकता है। इस परेशानी के दिखने पर आपको तुरंत बच्चे का इलाज कराना चाहिए। ऐसा न करने पर ये समस्या उम्र के साथ बढ़ती ही रहती है। जिससे युवा अवस्था में मेंटल हेल्थ काफी बिगड़ सकती है।

डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे अकसर रोने लगते हैं, लेकिन अगर यह समस्या ज्यादा बढ़ रही है, तो इस पर ध्यान देना है। आपको देखना है कि बच्चा कहीं डरते हुए तो नहीं रो रहा। घर के किसी सदस्य के पास आकर उसको यह परेशानी ज्यादा ट्रिगर तो नहीं हो रही, अगर ऐसा है तो ये चिंता का कारण है। इस स्थिति में मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर से बच्चों का इलाज कराना चाहिए।

ये होते हैं मेंटल ट्रॉमा के लक्षण

डॉक्टर बताते हैं कि मेंटल ट्रॉमा के कई लक्षण दिखते हैं। हालांकि बच्चों की खराब मेंटल हेल्थ की पहचान करना भी मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे अपनी परेशानी के बारे में माता-पिता को खुलकर कुछ बता नहीं पाते हैं। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं जिससे पहचान हो जाती है कि मेंटल ट्रॉमा का शिकार हैं। इनमें सबसे प्रमुख है बात-बात पर रोना और घबरा जाना। इसके अलावा भी बच्चों में कई अन्य लक्षण भी दिखते हैं।

बच्चों में नींद में कमी आ जाती है। भूख का पैटर्न बदल जाता है, यानी पहले की तुलना में या तो कम भोजन करता है या ज्यादा। रात में अचानक नींद से उठ जाता है। हमेशा डरा हुआ रहता है और चाहता है कि माता-पिता उसके साथ ही रहें। काम पर फोकस का लगातार कम होना। लोगों से दूरी बनाना। अचानक घबरा जाना और परेशान रहना।

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अगर आपको अपने बच्चे में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह किसी ट्रॉमा का शिकार है। ऐसी स्थिति में आपको मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। मेंटल ट्रॉमा के कई कारण हो सकते हैं। बच्चे ने कोई भयानक घटना देखी है। घर में माहौल अच्छा नहीं रहता है। किसी खास व्यक्ति से डर लगता है। बचपन में किसी हादसे का शिकार हुआ है।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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