Medical Mike Desk : मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे घातक और सबसे आम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया भर में मलेरिया के बोझ का तीन फीसदी हिस्सा है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष दो मिलियन पुष्ट मामले सामने आते हैं। आज यानी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। आज हम आपको मलेरिया के लक्षण, उससे बचाव का बारे में बताएंगे।
वर्ल्ड मलेरिया डे की शुरुआत अफ्रीका में हुई थी। मलेरिया से निपटने के लिए अफ्रीका की सरकार ने मलेरिया दिवस की शुरुआत 2008 में की थी। अफ्रीका में मलेरिया की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए 2001 से सरकार कई तरह से लोगों के लिए जागरुक्ता अभियान चला रही थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में अफ्रीका मलेरिया दिवस को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ में बदलने का प्रस्ताव रखा था। इस परिवर्तन को करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में मलेरिया के मुद्दे पर जागरुक्ता फैलाना और पूरे विश्व को एक साथ लाना था।
इस साल की थीम है ये
वर्ल्ड मलेरिया डे 2023 की थीम टाइम टू डिलिवरी ज़ीरो मलेरिया: इनवेस्ट, इनोवेट, इंप्लीमेंट” यानी “शून्य मलेरिया देने का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन” रखा गया है। थीम का मुख्य मक्सद है विश्वभर में मलेरिया बीमरी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों को बढ़ावा देना और नए नए तरीकों को प्रैक्टिस करना, ताकि मलेरिया को विश्व से जल्द से जल्द खत्म किया जा सके।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया का सबसे बड़ा कारण है गंदगी है, इसके बाद मच्छर इंसानों को काटकर उन्हें मलेरिया से संक्रमित कर देते हैं। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर के काटने के छह से आठ दिन के बाद लक्षण दिखाई देंगे।इसमें तेज बुखार, थकान, सिर दर्द, पेट में दर्द, चक्कर आना, बेहोशी आना, एनीमिया, मांसपेशियों के दर्द, उल्टियां होना और स्किन का रंग पीला पड़ जाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
मलेरिया से बचाएंगी ये सावधानियां
मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें। इसके लिए अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें। ठहरे हुए पानी में मच्छर न पनपे इसके लिए बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें। घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें। बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
मलेरिया मे क्या खाएं
मलेरिया बुखार होने पर आपको हमेशा अपनी डाइट में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। क्योंकि इस दौरान शरीर को कैलोरी, और पोषण की जरूरत बढ़ जाती है। इसे बीएमआर या बॉडी मेटाबोलिक रेट के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कैलोरी की मात्रा बढ़ाने की आवश्यकता शरीर के तापमान में वृद्धि पर निर्भर करती है। आप अपने खानपान में उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करें।