Medical Mike Desk : डायबिटीज, हार्ट डिजीज और आर्थराइटिस ऐसी समस्या हैं, जो शरीर को धीरे-धीरे जकड़ती हैं। इन जैसी कई भयंकर बीमारियों के पीछे बड़ा कारण इंफ्लामेशन होता है। इसका मतलब शरीर की रक्षात्मक प्रतिक्रिया से है, जो कि किसी भी खतरनाक-हानिकारक तत्व के प्रवेश करने पर होती है।
लंबी इंफ्लामेशन से होने वाली बीमारी
शोध के अनुसार, शरीर में लंबे समय तक चल रही इंफ्लामेशन कई भयंकर बीमारी को जन्म देती है। अगर आप डायबिटीज,
दिल की बीमारी, आर्थराइटिस-जोडों का दर्द, एलर्जी या सीओपीडी से जूझ रहे हैं तो कहीं न कहीं इंफ्लामेशन हो रही है।
इंफ्लामेशन का इलाज है अश्वगंधा
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, अश्वगंधा में विथाफेरिन ए सहित कंपाउंड होते हैं, जो शरीर में इंफ्लामेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस जड़ी बूटी से इंफेक्शन से लड़ने वाली व्हाइट ब्लड सेल्स सुधरती हैं और यह समस्या दूर रहती है।
अदरक है एंटी-इंफ्लामेटरी फूड
अदरक में जिंजरोल, शोगोल, जिंजिबेरिन और जिंजरोन जैसे 100 से अधिक एक्टिव कंपाउंड होते हैं। ये तत्व इम्यून सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और इंफ्लामेशन को रोकते हैं।
तुलसी
सूजन, दर्द, रंग में बदलाव आदि का मिला-जुला अनुभव इंफ्लामेशन कहलाता है। जो कि जुकाम के दौरान नाक के अंदर भी होता है। इस समस्या का उपाय तुलसी बन सकती है। क्योंकि, इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-एलर्जिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
काली मिर्च है देसी उपाय
न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, काली मिर्च भी एंटी-इंफ्लामेटरी फूड है। यह मसाला और इसका मुख्य एक्टिव कंपाउंड पिपेरिन शरीर के अंदर हो रही इंफ्लामेशन को कम करने में भूमिका निभाता है।
हल्दी
हल्दी के गुणों की वजह से इसे सुनहरा मसाला कहा जाता है। इसमें ताकतवर करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसके अंदर एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अध्ययनों के अनुसार करक्यूमिन NF-κB की सक्रियता को अवरुद्ध कर सकता है, जो कि इंफ्लामेशन को बढ़ावा देता है।
Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।