प्लास्टिक की बोतल का नहीं, ‘मटके’ का पिएं पानी, मिलेंगे कई जबरदस्त फायदे

Medical Mike Desk : पीने का पानी स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। कोई प्लास्टिक की बोतल का पानी पीना पसंद करता है तो कोई स्टील की। किसी को तांबे का बर्तन भाता है तो किसी को मिट्टी से बने मटके का पानी रास आता है। पहले अधिकतर लोग तांबे या मिट्टी के बर्तन में पानी पीना पसंद किया करते थे। हालांकि आजकल इनका इस्तेमाल काफी कम देखा जाता है। केवल कुछ ही लोग अब मटके का पानी पीते हैं। क्योंकि मटके की जगह अब प्लास्टिक और स्टील की बोतलों ने ले ली हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मटके का पानी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है और इससे कितने ही लाभ आपको मिल सकते हैं?

प्राकृतिक ठंडक

मिट्टी से बने मटके में पानी स्टोर करके रखने से पानी हमेशा ठंडा रहता है। गर्मियों के मौसम में मटके का पानी पीने से शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और तो और हीट स्ट्रोक यानी लू लगने की समस्या से भी बचा जा सकता है। मिट्टी के घड़े या मटके के पानी में एक अलग ही स्वाद होता है, जो नल से आने वाले पानी में नहीं होता। गर्मी के मौसम में कई लोग मटके का पानी पीना पसंद करते हैं।

पानी की क्वालिटी में सुधार

मिट्टी के घड़े या मटके के पानी की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। मटके की झरझरा प्रकृति पानी की अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करती है। यही वजह है कि मटके का पानी काफी स्वच्छ और शुद्ध होता है। मिट्टी के बर्तन या मटके केमिकल फ्री भी होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाते।

पीएच लेवल को करता है बैलेंस

मटके में रखे पानी का पीएच लेवल बैलेंस रहता है। मटके की क्षारीय प्रकृति पानी की अम्लता यानी एसिडिटी को बेअसर कर सकती है, जो पाचन से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। क्षारीय पानी पीने से शरीर के पूरे पीएच बैंलेस में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

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पर्यावरण के अनुकूल

मिट्टी के घड़े या मटके में रखा पानी पीना पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। क्योंकि मटके या घड़े मिट्टी से बने होते हैं। जबकि आजकल इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतलें प्लास्टिक और मेंटल से बनी होती हैं। मिट्टी के बर्तन या मटके बायोडिग्रेडेबल होते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते।

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