Medical Mike Desk : डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। क्योंकि गलत खानपान से उनका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जो खतरनाक होने पर मौत का कारण भी बन सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए आयुर्वेद में शुगर को कंट्रोल करने के कई उपाय मौजूद हैं, जिनमें से एक उपाय सदाबहार का पौधा है। सदाबहार एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से डायबिटीज सहित अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।
सदाबहार को पेरिविंकल या विंका रोसिया के नाम में भी जाना जाता है। हाल के कुछ वर्षों में इस जड़ी-बूटी ने डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के लेवल को स्टेबल करने में काफी मदद की है। दुनिया भर में लाखों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह बीमारी तब होती है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो शरीर के अंदर नेचुरली बनता है और ब्लड से मिलकर शुगर के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। हालांकि कई बार शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाता है या इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता। यही वजह है कि किसी व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी हो जाती है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद
वक्त के साथ शुगर का हाई लेवल शरीर के अलग-अलग अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है और किडनी की बीमारी, नर्व डैमेज और अंधापन जैसी समस्याओं को जन्म देता है। सदाबहार में दो एक्टिव कंपाउंड ‘अल्कलॉइड’ और ‘टैनिन’ होते हैं, जिनमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होते है। इसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस जड़ी-बूटी में फ्लेवोनोइड्स, अल्कलॉइड्स और टैनिन होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यही वजह है कि ये डायबिटीज से जुड़े खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
चाय
डायबिटीज के मरीज एक मुठ्ठी ताजी या सूखी सदाबहार की पत्तियों को लेकर 10 से 15 मिनट के लिए पानी में उबाल कर चाय बना लें। ये चाय ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने का काम करेगी। आप रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं।
पाउडर
सदाबहार के सूखे पत्तों को पीसकर एक महीन पाउडर बना लें और फिर किसी भोजन या ड्रिंक में मिलाकर खाएं और पिएं।
सदाबहार में एंटी कैंसर गुण
ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के अलावा सदाबहार के और भी कई गुण हैं। इसका इस्तेमाल गले में खराश, मलेरिया और ल्यूकेमिया के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि सदाबहार में एंटीकैंसर गुण भी होते हैं, जो कैंसर सेल्स को शरीर में पैदा होने से रोकने का काम करते हैं।