Medical Mike Desk : हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। टीबी की बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होती है। इसे क्षयरोग भी कहा जाता है। भारत में हर साल टीबी के लाखों मरीज सामने आते हैं। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन लाइलाज नहीं है। समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा लिया जाए तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। हर साल टीबी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस मनाया जाता है। इसे विश्व तपेदिक दिवस भी कहा जाता है।
कैसे हुई विश्व क्षय दिवस मनाने की शुरुआत
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 24 मार्च 1882 को डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने टीबी रोग के लिए जिम्मेदार माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबकुलोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी। डॉ. रॉबर्ट कोच की ये खोज आगे चलकर टीबी के इलाज में बहुत मददगार साबित हुई। उनकी इस खोज की वजह से डॉ. रॉबर्ट कोच को साल 1905 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए 24 मार्च की तारीख को चुना गया और 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा हुई।
क्या है इस साल की थीम
विश्व तपेदिक दिवस को लेकर हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 की थीम है- यस! वी कैन एंड टीबी! इसका मतलब है कि हां, हम टीबी का अंत कर सकते हैं। इस थीम के जरिए लोगों को टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए मोटिवेट करने का प्रयास किया गया है।
2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त करने का संकल्प
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीबी अभी भी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक किलर डिजीज में से एक है। डब्ल्यूएचओ की तरफ से साल 2030 तक दुनिया को पूरी तरह से टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं भारत की ओर से 2025 तक देशवासियों की टीबी की बीमारी से पूरी तरह से निजात दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हर साल विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार की ओर से लोगों को बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए तमाम कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने बहुत बड़ा काम किया – पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी आज यानी 24 मार्च को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के दौरे पर हैं। पीएम के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अब वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। TB के खिलाफ लड़ाई में, भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People’s Participation, जनभागीदारी। कोई भी TB मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोई भी TB मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम किया। TB के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए, उनके ट्रीटमेंट के लिए, हमने उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा है। TB की मुफ्त जांच के लिए हमने देशभर में लैब्स की संख्या बढ़ाई है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 70 फीसदी से अधिक टीबी रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।