Pregnancy के दौरान पैरों में क्यों होती है सूजन ? क्या ये नॉर्मल है या फिर गंभीर ?

Medical Mike Desk : प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कई सारी परेशानियों से गुजरती हैं। उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में प्रेग्नेंसी से जुड़े कई तरह के बदलाव होते हैं, इनमें से एक बदलाव पैरों का सूजना है। मां बनने वाली ज्यादातर औरतें पैरों में सूजन की समस्या का अनुभव करती हैं। वैसे तो ये परेशानी आम है, लेकिन कई बार बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकती है। यही वजह है कि पैरों में ज्यादा सूजन को भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

गायनेकोलॉजिस्ट ने प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में दिखने वाली इस समस्या को लेकर कहा कि प्रेग्नेंसी में पैरों में सूजन होना एक सामान्य बात है। हालांकि ये शरीर की कई अंदरूनी दिक्कत का संकेत भी दे सकता है। अगर सूजन का पैटर्न अलग है और शरीर के बाकी हिस्सों पर भी दिखता है तो इसे कभी भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों सूज जाते हैं पैर?

प्रेग्नेंसी में हार्मोनल चेंजेस की वजह से महिलाओं का पैर सूज जाता है, क्योंकि शरीर बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक्सट्रा पानी और फ्लूड को बनाए रखना शुरू कर देता है। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का दौर आगे बढ़ता है और बच्चा बढ़ने लगता है तो गर्भाशय और बच्चे का वजन पैरों की नसों पर दबाव डालने लगता है। इसकी वजह से नसों की दिल में खून को वापस लौटाने की कैपिसिटी कम हो जाती है। ब्लड फ्लो धीमा होने से वैसल्स के अंदर दबाव बनता है, जिससे नसों से पानी का रिसाव होने लगता है। यही पैरों और टखनों में सूजन का कारण बनता है।

नॉर्मल सूजन को कैसे पहचानें?

सूजन आमतौर पर टखनों और पैरों तक ही सीमित रहने चाहिए। सुबह-सुबह पैरों में सूजन नहीं होती है। सूजन पूरे दिन बढ़ती है और बच्चे के वेट से पैदा होने वाले दबाव के कारण शाम या फिर रात में ज्यादा हो जाती है। रेस्ट करने और टांगों को कुछ देर के लिए ऊपर उठाने पर सूजन कम हो सकती है।

कब नजरअंदाज नहीं करना चाहिए?

सुबह और पूरे दिन सूजन रहती है। आराम करने से भी राहत नहीं मिलती। सिर्फ एक पैर में सूजन होना या सूजन का अचानक बढ़ना। आंखों में धुंधलापन या आंखों में चमकती रोशनी का महसूस होना।

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पैरों की सूजन की समस्या को कैसे रोकें?

अपने भोजन में एक्सट्रा नमक डालने से बचें। अपनी डाइट में पोटेशियम से भरपूर आहार जैसे- केला, पालक, आलू, बीन्स, अनार और संतरे जैसे फलों को शामिल करें। कैफीन का सेवन कम से कम करें। कैफीन के सेवन से ज्यादा पेशाब आने की समस्या पैदा होती है। जब भी आप लेटें तो अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें और एक तकिया रख लें। साथ ही साथ रात में आठ घंटे की नींद पूरी करें।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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