World Kidney Day : पानी पीना अच्छी बात… मगर ज्यादा पीना ‘किडनी’ के लिए खतरनाक

Medical Mike Desk : हर साल नौ मार्च को ‘वर्ल्ड किडनी डे’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य किडनी से संबंधित बीमारियों और परेशानियों के बारे में लोगों को जागरुक करना है और इस बीमारी के प्रसार को कम करना है। किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अक्सर यह कहा जाता है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, ताकि विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकलने में मदद मिल सके और किडनी हेल्दी बनी रहे। कई लोग ज्यादा पानी पीने को अच्छा समझते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो जरूरत से ज्यादा पानी का सेवन करते देखे जाते हैं। मगर क्या ज्यादा पानी पीना सही है?

ह्यूमन बॉडी काफी हद तक पानी से बनी हुई है। हमारे शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना होता है। अलग-अलग कार्यों में हमें इसकी जरूरत पड़ती है। ये पानी शरीर के अंगों से टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। पोषण को अलग-अलग कोशिकाओं तक पहुंचाता है। जोड़ों को चिकनाई देता है और खाने को डाइजेस्ट करने में भी मदद करता है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पिएंगे तो डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा हो सकती है। सोच-समझकर और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। ज्यादा पानी पीने से ओवरहाइड्रेशन और वॉटर इंटॉक्सिकेशन हो सकता है।

ज्यादा पानी पीने से क्या होता है?

पानी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से इंटॉक्सिकेशन और मस्तिष्क के कार्य में बाधा पैदा हो सकती है। यह तब होता है जब बॉडी सेल्स में ज्यादा पानी जमा हो जाता है, जिसकी वजह से उनमें सूजन आ जाती है। जब ब्रेन की सेल्स सूज जाती हैं तो दिमाग पर दबाव बढ़ जाता है। इसकी वजह से आप भ्रम की स्थिति, सिरदर्द और उनींदापन जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।

एक दिन में कितना पानी पीना सही?

रोजाना कितना पानी पीना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप रोजाना किस तरह की गतिविधि और कामों में लिप्त रहते हैं। हर व्यक्ति की पानी की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। आपको पानी की कितनी जरूरत है, इसका निर्धारण इन चार आधारों पर किया जा सकता है। फिजिकल एक्टिविटी का लेवल, क्लाइमेट, बॉडी वेट और जेंडर।

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