फैल रहा फ्लू, स्थिति खतरनाक नहीं, एंटी बायोटिक्स पर मानें डॉक्टरों की ये सलाह

Medical Mike Desk : भारत में पिछले दो-तीन महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण इन्फ्लुएंजा ए का उपस्वरूप एच3एन2 है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर आगाह किया है। आईएमए ने कहा कि मौसमी बुखार पांच से सात दिनों तक रहेगा। आईएमए की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार तीन दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बरकरार रह सकती है।

फ्लू के मामलों की संख्या में वृद्धि के बीच डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने कहा है कि स्थिति खतरनाक नहीं है और तापमान में बदलाव इसके लिए जिम्मेदार है। आईएमए ने सलाह दी कि एंटीबायोटिक्स लेने के लिए जल्दबाजी न करें, क्योंकि इससे एंटीबायोटिक-प्रतिरोध हो सकता है और बुखार और फ्लू जैसे लक्षण बने रह सकते हैं।

बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है ICMR

वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले दो-तीन महीने से व्यापक रूप से व्याप्त एच3एन2 अन्य उपस्वरूपों की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है। आईसीएमआर वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज नेटवर्क के माध्यम से श्वसन वायरस के कारण होने वाली बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने वायरस से लोगों को बचाने के लिए एक सूची जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
एसोसिएशन ने कहा कि कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। संक्रमण आमतौर पर लगभग पांच से सात दिनों तक रहता है। बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।

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बैक्टीरिया के जीवित रहने के लिए मौसम अनुकूल

सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन एम्स के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मामले कम रहते हैं। यह फ्लू का मौसम है, क्योंकि बैक्टीरिया के जीवित रहने के लिए मौसम अनुकूल है। यह कोई नई घटना नहीं है। गर्मी से पहले या बरसात के मौसम में ऐसे मामले बढ़ जाते हैं और वायरल बीमारियां हो जाती हैं।

Note :- इस लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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