Medical Mike Desk : अंतर्राष्ट्रीय कॉक्लियर इम्प्लांट दिवस के अवसर पर एम्स पटना में 250 कॉक्लियर इम्प्लांट का आज यानी शनिवार को जश्न मनाया जा रहा है। आज तक 250 मरीजों का कॉक्लियर इम्प्लांट, नाक, कान एवं गला विभाग एम्स पटना में किया जा चुका है। एम्स पटना को 2014 से ही मुख्यमंत्री विकलांगता निधि से अनुदान दिया जाता है। जिससे बिहार के कई गरीब मरीजों का उपचार किया जाता रहा है। एम्स पटना मुख्यमंत्री निधि, एडीआईपीफंड, आरबीएस के फंड के माध्यम से भी कॉक्लियर इम्प्लांट से मुख्य बाधिर बच्चों का उपचार किया जाता है। दो साल तक स्पीच थेरेपी भी दिया जाता है। इस उपचार के बाद काफी बच्चे बोलना और सुनना प्रारंभ कर देते हैं, और लगभग सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं। हमारे यहां ऐसे भी मरीजों का इलाज किया गया है जो पहले सुनने में समर्थ थे। बाद में किसी कारणवश सुनने में असमर्थ हो गए इनका इलाज भी कॉक्लियर इम्प्लांटकर ठीक किया गया है। इन मरीजों को Adult post Lingual Patient कहते हैं।
इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल, उपनिदेशक (प्रशासन) डॉ. अरूण प्रसाद, अधिष्ठाता डॉ. उमेश कुमार भदानी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह, अधिष्ठाता (शोधकर्ता) डॉ. प्रेम कुमार, नाक, कान एवं गला विभाग की विभागाध्यक्षक, सभी वरिष्ठ एवं कनिष्ठ चिकित्सक, आडियोलाजिस्ट, वाकचिकित्सक एवं विभाग के सभी कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर बहुत सारे ऐसे बच्चे भी आए थे जिनका कॉक्लियर इम्प्लांटइसी संस्थान में किया गया था। इस अवसर पर बिहार सरकार में मुख्यमंत्री निधि द्वारा अनुदान की राशि बढ़ाने का भी अनुरोध करेंगे ताकि भविष्य में और भी बच्चे एवं मरीजों का इलाज सुचारू रूप से किया जा सके।