तुलसी से लेकर कालमेघ तक रेस्पिरेटरी हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं ये हर्ब्स, जानिये

Medical Mike Desk : लोग अक्सर श्वसन संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं। ये आगे चलकर गंभीर बीमारी का कारण बन जाते हैं। बढ़ता प्रदूषण भी रेस्पिरेटरी सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करता है। श्वसन संबंधित बीमारी प्रदूषण, धूम्रपान और फंगल, वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आदि के कारण हो सकती हैं। रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप कई तरीके आजमा सकते हैं। नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के साथ-साथ आप कई तरह के हर्ब्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर और कुछ नेचुरल तरीकों को आजमाकर भी आप रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं। ऐसे में यहां कुछ हर्ब्स के बारे में बताया गया है। आप इन्हें भी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

तुलसी

हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में आपको लगभग हर घर में तुलसी का पौधा मिलेगा। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसमें जिंक और विटामिन सी होता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं। तुलसी के पत्ते ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, इन्फ्लूएंजा, खांसी और सर्दी से बचाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप तुलसी के पत्ते के जूस में शहद मिलाकर ले सकते हैं।

मुलेठी

आप मुलेठी खा सकते हैं। ये गले की खराश और जुकाम आदि से छुटकारा दिलाने का काम करती है। इसके अलावा ये निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से भी राहत दिलाने का काम करती है। ये रेस्पिरेटरी सिस्टम की हेल्थ को बनाए रखने का काम करती है। ये फेफड़ों को मजबूत बनाती है। इससे इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।

पिप्पली

पिप्पली भी सर्दी और जुकाम से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। ये लंग्स हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके लिए आप पिप्पली पाउडर में शहद मिलाकर ले सकते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

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कालमेघ

कालमेघ की जड़ों और पत्तों का इस्तेमाल श्वसन स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। कालमेघ आपको सर्दी, जुकाम, फ्लू और श्वसन संबंधित कई समस्याओं से बचाने में भी मदद करती है।

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