किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे शरद यादव, जानें कैसे ये बन जाती है जानलेवा

Medical Mike Desk : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता शरद यादव का 75 साल के उम्र में कल यानी गुरुवार की रात निधन हो गया है। उन्हें अनकंसियस अवस्था में गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शरद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनको किडनी की बीमारी थी और वह डायलिसिस करवाते थे। डॉक्टर बताते हैं कि किडनी की बीमारी जब गंभीर रूप लेती है तो डायलिसिस की नौबत आ जाती है और इस स्थिति में मरीज की हालत ठीक नहीं रहती है। इस स्थिति में किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प होता है।

अब ये जानना भी जरूरी है कि किडनी में हुई बीमारी कैसे इतनी गंभीर बन जाती है और क्यों इससे मौत होने का भी खतरा रहता है। इस बारे में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु कुमार बताते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ किडनी डिजीज का रिस्क भी अधिक रहता है। किडनी में कई प्रकार के इंफेक्शन होते हैं। इसमें शुरुआत में यूरिन से संबंधित परेशानियां होने लगती है। धीरे-धीरे ये इंफेक्शन बढ़ता रहता है और किडनी के काम करने की क्षमता भी घटने लगती है।

उम्र बढ़ने के साथ किडनी के फंक्शन काफी स्लो हो जाते हैं। समय पर बीमारी पर ध्यान न देने की किडनी खराब होने लगती और डायलिसिस की नौबत आ जाती है। कई मामलों में किडनी केवल 10 से 20 प्रतिशत की काम करती है। ऐसे में अगर समय पर रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी ने की जाए तो जान जाने का खतरा भी रहता है। कई मामलों में किडनी फेल्यर की वजह से मौत भी हो जाती है।

बढ़ रही हैं किडनी की बीमारियां

डॉ. कुमार बताते हैं कि खानपान की गलत आदतें, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल की वजह से किडनी डिजीज बढ़ रही हैं। आजकल कम उम्र में ही लोग किडनी की बीमारियां का शिकार हो रहे हैं। कई मरीज ऐसे भी आते हैं जिन्हें 45 से 50 साल की उम्र में ही डायलिसिस की जरूरत पड़ गई है।

डॉ. कुमार बताते हैं कि किडनी में बीमारी के लक्षण शुरुआत में ही दिखने लग जाते हैं। यूरिन करने में परेशानी, यूरिन के रंग में बदलाव और पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द बने रहने इसके लक्षण होते हैं, लेकिन लोगइनपर ध्यान नहीं देते हैं। कई मामलों में किडनी इंफेक्शन इतना बढ़ जाता है कि डायलिसिस भी काम नहीं आता और किडनी ट्रांसप्लांट ही अंतिम विकल्प बचता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग किडनी की बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दें और समय पर इलाज कराएं।

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