अस्पतालों में कोविड बूस्टर की मांग बढ़ी, स्टॉक खत्म, CoWIN पर नहीं मिल रहा अपॉइंटमेंट

Medical Mike Desk : चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अन्य कई देशों में भी वायरस के ग्राफ में इजाफा हो रहा है। कोविड की स्थिति को देखते हुए भारत में भी लोग घबरा रहे हैं। इस बीच कोरोना वैकसीन की मांग काफी बढ़ गई है। लोग को-विन पोर्टल पर जाकर टीके के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को अपॉइंटमेंट नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण यह है कि कुछ अस्पतालों में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद नहीं है। वहीं, कुछ अस्पतालों मे एक या दो दिन की ही वैक्सीन बची है।

दिल्ली के एक डॉक्टर ने बताया कि बीते कई महीनों से लोग वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे थे। इस वजह से मौजूदा स्टॉक को वापस भेज दिया गया था, लेकिन पिछले दो दिन से वैक्सीन लेने वालों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। फिलहाल एक दिन का स्टॉक ही मौजूद है। टीकों की मांग के लिए प्रशासन को पत्र लिख दिया गया है।

दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल उनके पास दो दिन का ही स्टॉक मौजूद है। वैक्सीन रखी थी, लेकिन बीते महीने से उसको वापस भेज दिया गया। टीके अगर लंबे समय तक रखे रहते तो खराब हो सकते थे। इसलिए ये फैसला लिया गया था। डॉक्टर ने कहा कि फिलहाल बूस्टर डोज लेने वाले लोग आ रहे हैं। इनमें युवाओं और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। अभी जिन लोगों ने बीते दिनों अपॉइंटमेंट लिया था उन्हें डोज लगाई जा रही है। वैक्सीन के स्टॉक के हिसाब से ही स्लॉट बुक किए जा रहे हैं।

अचानक क्यों बढ़ी वैक्सीन की मांग

वरिष्ठ फिजिशयन का कहना है कि कोविड को लेकर लोगों मे डर का माहौल है। सभी चाहते हैं कि उन्हें पहले ही तरह खतरनाक स्थिति का सामना न करना पड़ें। इसलिए लोग वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल जा रहे हैं। वैक्सीन लगने से वायरस की गंभीरता और लक्षणों को कम किया जा सकता है, हालांकि युवाओं और स्वस्थ लोगों सेअपील है कि वे पैनिक न हों। अगर जरूरी लगे तभी बूस्टर डोज लगवाएं, लेकिन घर के बुजुर्ग लोग और पुरानी बीमारी से जूझ रहे मरीजों का टीकाकरण जरूर करा लें।

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नेजल वैक्सीन को भी मिली अनुमित

केंद्र सरकार ने देश की पहली नेजल वैक्सीन को भी अनुमित दे दी है। इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में लगवाया जा सकेगा। दो खुराक ले चुके लोग नेजल वैक्सीन को लगवा सकते हैं। ये वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है। इसे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी कारगर माना जा रहा है।

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