साइलेंट हार्ट अटैक हो सकता है जानलेवा, ऐसे करें इसके लक्षणों की पहचान

Medical Mike Desk : पुरुषों की तुलना में महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण समय पर दिखते भी हैं, लेकिन लोग इसे मामूली दर्द मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। पिछले कुछ महीनों से देश में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ रहे हैं। कई मामलों में हार्ट अटैक साइलेंट भी होता है। इस दौरान मरीज को यह एहसास नहीं होता है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। ऐसा इसलिए होता है कि साइलेंट हार्ट अटैक में लक्षणों का आसानी से पता नहीं चल पाता है। केवल छाती में हल्का दर्द होता है, जिसके अकसर लोग गैस की परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।

10 नवंबर, 2015 को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में एक अध्ययन के मुताबिक, 45 से 84 वर्ष की आयु के लगभग 2,000 लोगों की जांच की गई। जो इस दौरान किसी भी प्रकार की हार्ट डिजीज से पीड़ित नहीं थे, लेकिन करीब एक दशक के भीतर इनमें से आठ प्रतिशत लोगों में मायोकार्डियल की समस्या देखी गई थी, यानी इनको हार्ट अटैक आया था, लेकिन इनमें करीब 80 फीसदी लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हार्ट अटैक साइलेंट था और माइनर अटैक था।

डायबिटीज रोगियों को रहता है अधिक खतरा

डायबिटीज के मरीजों का साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश मधुमेह रोगियों को हल्के लक्षण महसूस नहीं होते। क्योंकि उनकी नसें उतनी प्रतिक्रियाशील नहीं होती हैं और दर्द का पता नहीं चलता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। कुछ लोगों में दर्द की सीमा अधिक होती है और वे अपनी बेचैनी को मामूली मानकर इसको नजरअंदाज कर देते हैं। फिर ऐसे लोग हैं जो दिल के दौरे के हल्के लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं। विशेष रूप से थोड़े समय के लिए दर्द होने पर लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। इसको गैस की समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं।

आप कैसे जान सकतै हैं कि आपको साइलेंट हार्ट अटैक हो सकता है?

जब भी आप अपने पेट के ऊपरी हिस्से या अपनी छाती के मध्य भाग में असामान्य लक्षणों। जैसे अचानक तेज दर्द होने काका अनुभव करें, और ऐसा 20 से 25 मिनट से अधिक समय तक जारी रहें, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस स्थिति में ईसीजी कराएं, इसमें ज्यादा समय नहीं लगता और खर्चीला भी नहीं है।

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इन लोगों को सावधान रहने की जरूरत

साइलेंट हार्ट अटैक के जोखिम कारक में डायबिटीज के अलावा मोटापा, हार्ट डिजीज का पारिवारिक इतिहास, हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल स्तर, खराब लाइफस्टाइल और धूम्रपान या शराब के सेवन है। इन लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक आने का खतरा काफी अधिक होता है। अगर एक साइलेंट हार्ट अटैक हो चुका है और इसका पता नहीं चला है तो दूसरी बार ये जोखिम को बढ़ाता है, जो जानलेवा हो सकता है।

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