HIV मरीजों की TB से हो सकती है मौत, इन बातों का रखें ध्यान

Medical Mike Desk : एचआईवी रोगियों की मौत का सबसे बड़ा कारण टीबी है। भारत में एचआईवी मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। हालांकि टीबी मरीजों की संख्या में अधिक गिरावट नहीं आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, एचआईवी मरीजों की मौत का सबसे बड़ा कारण टीबी की बीमारी है। एचआईवी मरीजों पर टीबी सबसे पहले असर करती है। एचआईवी की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है जिससे टीबी का हमला आसानी से हो जाता है। लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है। जागरूता के अभाव में टीबी मौत का कारण बनती है।

एचआईवी के मरीज को अगर लंग्स से संबंधित कोई बीमारी है तो तुरंत जांच करा लें। ऐसे लोगों को टीबी की नियमित रूप से जा्ंच करानी चाहिए। क्योंकि एचआईवी के मरीजों को कोई भी संक्रमण आसानी से हो सकता है। ऐसे में बड़ी सावधानी से मरीजों का इलाज किया जाता है। एचआईवी रोगियों में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो करीब दो महीने तक दवा दी जाती है। इस ट्रीटमेंट के बाद उन्हें एंट्री रेट्रो वायरल थेरेपी से इलाज के लिए भेजा जाता है।

दुनिया में टीबी के एक करोड़ से अधिक मामले

विश्व स्वास्थ्य के मुताबिक, दुनियाभर में टीबी के एक करोड़ से अधिक मामले है। 2022 में 16 लाख लोगों ने टीबी की बीमारी से दम तोड़ा था। इन मौतों में एक बड़ी संख्या एचआईवी से पीड़ित मरीजों की है। टीबी से जूझना वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है। दुनियाभर में टीबी के कुल मामलों में से 28 फीसदी केवल भारत में हैं। दुनिया में पिछले एक साल में टीबी के मामलों में करीब 5 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वैश्विक स्तर पर टीबी की रोकथाम के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिर में केस बढ़ रहे हैं। भारत में भी टीबी के मामलों में इजाफा हो रहा है। भारत में पिछले एक साल में टीबी के 21 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। जो इससे पिछले साल की तुलना में करीब 18 फीसदी अधिक है।

यह भी देखें

संक्रामक रोग है टीबी

डॉक्टरों के मुताबिक, टीबी की बीमारी एक संक्रामक रोग है। जो एक से दूसरे इंसान में फैलती है। टीबी का सबसे बड़ा लक्षण खांसी आना है। अगर दो सप्ताह से ज्यादा समय तक खांसी हो रही है तो ये टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए। खांसी को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *