क्या आपका बच्चा भी रहता है चिड़चिड़ा या उदास, डिप्रेशन के होते हैं ये लक्षण

Medical Mike Desk : भारत में लगभग 10 फीसदी या उससे भी ज्यादा लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से पीड़ित हैं। इसमें बच्चे भी शामिल है। बच्चों का डिप्रेशन में होना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि वे खुलकर अपनी बातें नहीं बताते हैं। ऐसे में माता-पिता को उनका ध्यान रखना होता है। वैसे सभी बच्चों का व्यवहार अलग-अलग होता है। कुछ ज्या‍दा गुस्सा करते हैं तो कुछ उदास रहते हैं। थोड़ी सी टेंशन होने पर चिड़ने लगते हैं। डिप्रेशन के ऐसे कई लक्षण होते हैं जो आपको जरूर जानना चाहिए।

बच्चे का मूडी होना या उदास होना

अगर आपका बच्चा ज्यादातर उदास रहता है। खुद को अकेला रखता है, खुद से नाखुश रहता है या बार-बार चिड़चिड़ा बर्ताव करता है। इस तरह के बर्ताव हफ्तों या महीनों तक जारी रहे, तो आपको इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके अलावा आपका बच्चा बात-बात पर रो देता है या उसकी झुंझलाहट बढ़ रही है तो समझ लें कि वह डिप्रेशन में है।

खुद ही बड़बड़ाने लगे

जो बच्चे डिप्रेस्ड रहते हैं वे छोटी-छोटी टेंशन होने पर खुद ही बड़बड़ाने लगते हैं। वे गुस्से में खुद की ही आलोचना करने लगते हैं। जैसे कभी बोलेंगे कि मैं कुछ भी ठीक से नहीं कर पाती हूं या मेरी तो किस्मत ही ऐसी है, सब लोग मेरे ही पीछे क्यों पड़े होते हैं, यार मेरे लिए ये सब करना बहुत ही मुश्किल है, ऐसा कब तक चलेगा।

डिप्रेशन बच्चों को ऐसे करता है परेशान

डिप्रेशन की वजह से बच्चे की ऊर्जा खत्म हो जाती है। ऐसा भी हो सकता है कि जितनी मेहनत वह पहले करता था उतनी अब न कर पाता हो। साधारण काम करने में भी उसे बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डिप्रेस्ड होने की वजह से आपका बच्चा बहुत जल्दी ही थक जाता है या असफल होने पर कोशिश छोड़ देता है।

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खानपान और नींद में बदलाव 

जो बच्चे डिप्रेशन में रहते हैं। वे भरपूर खाना नहीं खाते हैं उन्हें नींद लेने में भी दिक्क्त आती है। वे बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं। इसके अलावा वे बच्चे ज्यादा सोते भी हैं। अपनी डाइट भी कम कर देते हैं या कभी बहुत ज्यादा खाना खाने लगते हैं। फिर कम और ऐसे ही खाना भी बहुत कम कर देते हैं या बहुत ज्यादा खाने लगते हैं।

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