पीरियड ब्लड को चेहरे पर लगा बढ़ा रहीं ब्यूटी, डॉक्टर ने कहा- किस खतरे में खुद को डाल रहीं लड़कियां

Medical Mike Desk : पीरियड ब्लड को लेकर बात करना आज भी टैबू जैसा ही है। बदलते समय के साथ इस सोच में खुलापन तो आ रहा है, लेकिन ये अभी भी नॉर्मल की कैटिगरी में फिट नहीं हुआ है। हालांकि, सोशल मीडिया पर जरूर इसे लेकर हैरान करने वाला ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कुछ साल पहले पीरिडय ब्लड मास्किंग का चलन पॉप्युलर हुआ था, जो अब एक बार फिर से हिट होता नजर आ रहा है। एक ओर जहां टिक-टॉक इसे और तेजी से वायरल कर रहा है, तो दूसरी ओर डॉक्टर ने इस तरह के हैक को आजमाने के खतरे बताए हैं।

क्या है मून मास्किंग या मेन्स्ट्रुअल मास्किंग

इस तरह की मास्किंग में लड़कियां अपने पीरियड ब्लड का इस्तेमाल करती हैं। यानी वो मेन्स्ट्रुअल ब्लड को इकट्ठा करती हैं और फिर उसे मास्क की तरह चेहरे पर लगाती हैं। इसे लेकर कई लड़कियों ने दावा किया कि उन्हें हॉर्मोनल एक्ने में कमी महसूस हुई, तो वहीं कुछ ने इस तरह अपने पीरियड ब्लड को यूज करने को एम्पावरिंग स्टेप बताया।

कैसे पीरियड ब्लड इकट्ठा कर रहीं लड़कियां

भारत में आमतौर पर महिलाएं सैनिटरी नैपकिन, जिसे चलती भाषा में पैड कहा जाता है, उसका इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, वेस्टर्न कंट्रीज में मेन्स्ट्रुअल कप का इस्तेमाल काफी नॉर्मल है। ये कप्स रबर, सिलिकॉन या लैटेक्स से बने होते हैं। फैनल शेप कप को वजाइना एरिया में अंदर की ओर लगाया जाता है।

कैसे करता है काम

पीरियड्स में जब ब्लड फ्लो शुरू होता है और इस कप को वजाइना में लगाया जाता है, तो बल्ड इसमें इकट्ठा होता जाता है। इसे बाद में खाली कर वॉश करना होता है। एक्सपर्ट कप को गर्म पानी में स्टरलाइज करने की सलाह देते हैं।

कप्स इसलिए पहली पसंद

ब्लड मास्किंग के लिए जो ब्लड चाहिए होता है, उसे इन कप्स में इकट्ठा करना आसान होता है। यही वजह है कि इस ब्यूटी हैक के लिए ज्यादातर महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं।

क्या है डॉक्टर का कहना

इस वायरल ट्रेंड को डॉक्टर ने काफी रिस्की बताया है। डॉक्टर के अनुसार पीरियड ब्लड में डेड स्किन सेल्स और यूट्रिन इनर लाइनिंग होती है। अगर खून स्टराइल न हो, तो ये आसानी से कई इंफेक्शन को जन्म दे सकता है। डॉक्टर ने आगे बताया कि ‘स्टरलाइजेशन के लिए पीआरपी नाम के मेडिकल प्रॉसेस का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने मेन्स्ट्रुअल ब्लड के स्किन पर असर को लेकर और जानकारी देते हुए साझा किया कि इस वायरल तरीके को इस्तेमाल करने पर खून में पाए जाने वाले फंगस और जर्म स्किन एक्ने को भी जन्म दे सकते हैं और साथ ही ओपन पोर्स में घुसने पर इनसे अन्य स्किन डिसीज का खतरा पैदा हो सकता है।

यह भी देखें

बिना सोचे-समझे न करें ट्राई

डॉक्टर ने सलाह दी कि बिना सोचे-समझे किसी भी ट्रेंड को फॉलो नहीं करना चाहिए। हर हैक साइंटिफिक टेस्ट से गुजरा हुआ होना चाहिए। डॉक्टर ने आगे एक बार फिर से इसके खतरों को हाइलाइट करते हुए कहा कि ब्लड में अन्य बॉयलॉजिकल एलिमेंट्स के साथ ही म्युकस, प्रोटीन, वाइट ब्लड सेल्स, फाइब्रिन, फाइब्रिनोजीन और क्लॉट्स होते हैं, जो स्किन को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए प्लीज किसी भी चीज पर बिना सोचे समझे विश्वास कर उसे ट्राई न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *