डायबिटीज का गर्भ पर पड़ता है बुरा असर, प्रेगनेंट महिलाओं को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान

Medical Mike Desk : डायबिटीज किडनी, लिवर और दिल समेत शरीर के कई अंगों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं डायबिटीज पुरुष और महिला के प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव डाल सकता है। अगर आपको डायबिटीज है और आपने गर्भधारण किया है तो इसका असर बच्चे पर भी पड़ सकता है, कई बार गर्भपात का खतरा भी होता है। ऐसे में अगर आप डायबिटीज की मरीज हैं और गर्भधारण करना चाहती हैं तो कम से कम छह महीने पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डायबिटीज का गर्भावस्था पर प्रभाव

यदि किसी महिला को डायबिटीज है, तो उसे जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। गर्भधारण के लिए प्रयास शुरू करने का फैसला लेने से पहले कम से कम छह महीने पहले आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर आपके ब्लड शुगर के स्तर को बारीकी से नियंत्रित करने के बारे में सलाह और निर्देश देते हैं। आपकी डाइट चार्ट में कुछ जरूरी पोषक तत्वों और सप्लीमेंट जैसे फोलेट को भी शामिल करने की सलाह दी जाती है।

प्रजनन क्षमता और डायबिटीज के बीच का कनेक्शन

अनियंत्रित मधुमेह से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है, इस प्रकार गर्भवती होने की संभावना प्रभावित होती है। सभी गर्भधारण में कुछ जोखिम शामिल होते हैं, लेकिन टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज के मामले में मां और बच्चे के लिए खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज की वजह से महिलाओं में अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं, गर्भपात और प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा भी होता है।

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प्रेगनेंसी प्लान करने के टिप्स

अगर आपको डायबिटीज है तो प्रेगनेंसी प्लान करने के पहले शुगर लेवल को कंट्रोल करें। फोलिक एसिड का सेवन भी बेहद अहम है। प्रेगनेंसी के शुरुआती तिमाही में फोलिक एसिड लेना बेहद अहम होता है। इससे मस्तिष्क और रीढ़ की जन्म संबंधी असामान्यताओं को 70 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। अगर आपको डायबिटीज है, तो इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर नियमित फोलिक एसिड का सेवन करें। खुद को एक्टिव रखे। नियमित एक्सरसाइज करें। शराब का सेवन और धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ दें। सही मात्रा में और संतुलित भोजन करें, जिससे आपको जरूरी पोषण मिले।

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